जोर पकड़ने लगी घरों की साफ-सफाई का कार्य
अरवल। दीपावली की धूम शुरू हो गई है। इसकी तैयारी ने भी जोर पकड़ लिया है। साफ-सफाई के कार्यों में तेजी आ गया है।
अरवल। दीपावली की धूम शुरू हो गई है। इसकी तैयारी ने भी जोर पकड़ लिया है। साफ-सफाई के कार्यों में तेजी आ गया है। घरों को जगमग करने के लिए खरीदारी भी शुरू हो गई है। पर्व को लेकर बच्चों से लेकर सभी उम्र के लोगों का उत्साह चरम पर है। लोग अपने-अपने तरीके से पर्व को यादगार बनाने की योजना बना रहे हैं। कुछ लोग ऐसे भी है जो प्रकाश और स्वच्छता के इस पर्व को दूसरे की खुशी देने और पर्यावरण रक्षा के साथ मनाने की योजना बना रहे हैं। इतना ही नहीं इस पर्व को ले कुंभकार दीये बनाने में लगे हुए हैं। घी एवं तेल की ही जलेगी बाती दीपावली स्वच्छता का प्रतीक है, लेकिन अनजाने में हम इस पर्व में खुशी के दौरान पर्यावरण को गंदा करते जा रहे है। कृत्रिम वस्तुओं के बढ़ता उपयोग का बुरा असर पर्यावरण पर पड़ता है। इस वर्ष दीपावली में रासायनिक व कृत्रिम वस्तुओं का उपयोग नहीं करूंगा ताकि पर्यावरण की रक्षा हो सके।
मनोज कुमार
पूर्व मुखिया
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रासायनिक वस्तुओं का नहीं करेंगे उपयोग दीपावली के दिन रासायनिक व कृतिक सामग्रियों के उपयोग से बनी पटाखों का बेतहाशा इस्तेमाल पर्यावरण के लिए काफी घातक है। इनसे निकलने वाले धुंए से अंतरिक्ष के ओजोन परत को काफी नुकसान पहुंचाता है। कृत्रिम दिए का भी हानिकारक प्रभाव पड़ता है। इस वर्ष दीपावली में देशी घी लौ तेल का ही प्रयोग करूंगी, ताकि पर्यावरण की रक्षा हो सके।
लभली कुमारी
फोटो-48 पहली लौ शहीदों के नाम दीपावली खुशी का पर्व है। पर्व में हमें अपनी खुशी के साथ दूसरे की खुशी का भी ध्यान रखना चाहिए। देश की सीमाओं की रक्षा करनेवाले हमारे भाई सीमा पर ही पर्व मनाते है। ऐसे में हमारा कर्तव्य है कि उनकी खुशी के लिए भी दीप जलाए। इस वर्ष की दीपावली की पहला दीया मैं उनके लिए जलाउंगा जो सीमा की रक्षा में अपनी जान गवां दिए है। दीया जला कर उनकी शहादत को सम्मान देने की यह थोड़ी कोशिश सभी को करनी चाहिए।
साकेत कुमार टूटू
फोटो-30 जवानों के जीवन में प्रकाश भरने की कोशिश देश की सीमा की रक्षा करने वाले जवान दीपावली जैसे अहम पर्व में सिर्फ हमारे लिए अपने परिवार वालों से दूर रहते है। उनके सेवा समपर्ण और देश भक्ति के कारण ही हम शांतिपूर्वक अपने घरों में पर्व मनाते है। इस वर्ष कुछ दिए मैं उनकी खुशी के लिए जलाउंगा। दीये की लौ और प्रकाश से उजियारा की कामना करूंगा।
शंकर ¨सह
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