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टोला भ्रमण कर बच्चों को पठन-पाठन के लिए शिक्षकों ने दिया मार्गदर्शन

संवाद सहयोगी कलेर अरवल शिक्षा विभाग के द्वारा जारी किए गए आदेश के अनुसार शिक्षकों ने

By JagranEdited By: Published: Tue, 25 Jan 2022 12:03 AM (IST)Updated: Tue, 25 Jan 2022 12:03 AM (IST)
टोला भ्रमण कर बच्चों को पठन-पाठन के लिए शिक्षकों ने दिया मार्गदर्शन
टोला भ्रमण कर बच्चों को पठन-पाठन के लिए शिक्षकों ने दिया मार्गदर्शन

संवाद सहयोगी, कलेर अरवल :

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शिक्षा विभाग के द्वारा जारी किए गए आदेश के अनुसार शिक्षकों ने टोला भ्रमण कार्यक्रम के तहत बच्चों को शिक्षा के प्रति प्रेरित किया गया। इस दौरान उत्क्रमित मध्य विद्यालय बंधु बिगहा के शिक्षकों ने अपने पोषक क्षेत्र के महादलित टोला, सिहुली गोरैया में जाकर बच्चों को पठन-पाठन जारी रखने के लिए मार्गदर्शन दिया गया। इस दौरान विद्यालय में नामांकित बच्चों के गृह कार्य का भी जायजा लिया गया। मौके पर बच्चों के परिजनों को सुझाव दिया गया कि पढ़ाई के वक्त इनसे गृह कार्य नहीं कराया जाए। शिक्षकों ने गांव की फुटपाथ पर छात्रों के बीच हिदी पाठ्य पुस्तक किसलय के अध्याय 19 से जननायक कर्पूरी ठाकुर की जीवनी का अध्ययन कराया गया । इस पाठ्य पुस्तक के माध्यम से विद्यालय के शिक्षक अनिल कुमार राय ने बच्चों को कर्पूरी ठाकुर के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। इस मौके पर प्रभारी प्रधानाध्यापक लोकेश कुमार, सुमन रंजन ने टोला भ्रमण कर बच्चों से कहा कि कोरोना महामारी के दौरान विषय वार पाठ्यपुस्तक से पढ़ाई मे निरंतरता जारी रखें।

धान की बिक्री के लिए नहीं हो रहा पंजीकरण, किसान परेशान

संवाद सहयोगी , किजर , अरवल :

एक तरफ किसानों से धान अधिप्राप्ति की तिथि पैक्स एवं व्यापार मंडलों में 15 फरवरी तक ही निर्धारित की गई है। वहीं दूसरी ओर कई दिनों से लगातार मौसम खराब रहने से लगभग 50 प्रतिशत किसानों का धान अभी खलिहान में पड़ा हुआ है। मौसम अनुकूल नहीं रहने के चलते धान की दौनी में देर हो रही है। इधर चार दिनों से बिहार सरकार के कृषि विभाग की वेबसाइट पर किसानों का पंजीकरण नहीं हो पा रहा है। किसान साइबर कैफे में आधार कार्ड, बैंक पासबुक लेकर जा रहे हैं, लेकिन वहां भी किसानों का पंजीकरण नहीं हो पाने से उदास होकर वापस लौट जा रहे हैं। किसान नेता गौरख सिंह ने कृषि विभाग से किसानों के हित में यथाशीघ्र वेबसाइट को खोलने की मांग की है। ताकि वैसे सभी किसान जो पंजीकरण कराकर अपना धान पैक्स या व्यापार मंडल के माध्यम से बिक्री करना चाहते हैं, उन्हें बिहार सरकार का लाभ मिल सके। अन्यथा बिहार के किसान आंदोलन को बाध्य हो जाएंगे।


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