तालाब निर्माण पर सरकार दे रही है 50 प्रतिशत तक अनुदान
अररिया । हम बारिश के एक एक बूंद को सहेज कर जल संरक्षण की दिशा में अपना बहुमुल्य योगदान
अररिया । हम बारिश के एक एक बूंद को सहेज कर जल संरक्षण की दिशा में अपना बहुमुल्य योगदान दे सकते है। जिले के प्रत्येक ग्राम पंचायत में तालाब गठने के लिए राशि उपलब्ध कराई जा रही है। अतीत में सृजित 383 तालाबों में से किसी पर भी कोई कब्•ा करके उसके अस्तित्व को मिटाना चाहता है या मिटा दिया हो तो ऐसे तालाबों की जानकारी जिला प्रशासन व सीओ को जानकारी दे। अविलंब कार्रवाई होगी। निजी क्षेत्र के चार हजार 800 तालाबों को भी जीवन मानकर लोग उनकी रक्षा करें। फारबिसगंज शहर के बीच में स्थित विशाल तालाब आज भी सुरक्षित है इसके लिए तालाब तट के निकट बसे हुए सभी लोग धन्यवाद के पात्र है। तालाब के संरक्षण से ही धरती की कोख हरी भरी रहेगी और हम और आने वाली पीढ़ी का जीवन सुरक्षित रह सकेगा। ये बातें डीडीसी मनोज कुमार ने जागरण से विशेष बातचीत में कही। उन्होंने कहा कि सभी 218 पंचायतों में बारिश की हर बूंद को सहेजने हेतु तालाब निर्माण के लिए राशि उपलब्ध है। मनेरगा के अधिकारी और मुखिया से इसके लिए कोई भी व्यक्ति संपर्क कर सकता है। फिलहाल दो सौ नए तालाब बन कर तैयार है। सरकार द्वारा तालाब निर्माण में 50 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है।
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जल संरक्षण नही करने से खतरे में नदी का अस्तित्व- शहर स्थित अररिया कॉलेज अररिया के प्रोफेसर डॉ. मो. रउफ ने बताया कि कोसी फ्लड प्लान के तहत आने वाली एक दर्जन अधिक नदियां हर साल केवल इसलिए सुख जाती है क्योंकि भू गर्भ जल स्तर नीचे चला गया है। जमीनी जल स्तर ऊपर उठेगा नदिया कल-कल करके फिर बहने लगेगी। जेठ आसार में जीव पानी के लिए नही तरसेंगे। कोसी प्लान का सोरा, दुलरदेई, फेरियानी आदि का स्त्रोत जल संरक्षण से ही बचेगा। कारी, कोसी, कमताहा, कमला, कजरा, गेरुआ, लचहा, बूढ़ी कोसी, नीतियां आदि नदिया भी बारहमासी हो जायेगी। कभी ये इलाका मछलियों के लिए मशहूर था फिर ये ऐतिहासिक काल लौटकर वापस आए हम सबको यही प्रयास करना चाहिए। इसके लिये जल संरक्षण काफी आवश्यक है।
जागरूकता है जरूरी- प्रो. रउफ ने बताया की आज जल स्तर जीतना गिरते जा रहा है वो काफी चिताजनक है। अगर हम अभी सचेत न हुए तो आने वाले समय मे स्थिति और विकराल होगी। इसलिए हम सभी को जल की बर्बादी को रोकने पर ध्यान देना चाहिए साथ ही जल का संरक्षण करने के लिए तालाब निर्माण, रेन हार्वेस्टिग सिस्टम और रोजमर्रा की जिदगी में पानी के बचत पर ध्यान देना चाहिए तभी हम जल संरक्षण की दिशा में बेहतर मुकाम को प्राप्त कर सकते है।
कोट- तालाब निर्माण के लिए लोग आवेदन के साथ जमीन का प्रमाण पत्र, अपडेट रशीद, ली•ा पर ली गई जमीन का 10 साल का डीड, दो पासपोर्ट साइज ़फोटो, आधार कार्ड के साथ सलंग्न करके आवेदन करें। तालाब निर्माण में राशि का खुद प्रबंध करें या बैंक से ऋण ले। दोनों ही स्थिति में सरकार द्वारा 50 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाता है।- डीडीसी मनोज कुमार।