नूना की नई धारा ने मचाही तबाही
संसू सिकटी (अररिया) सिकटी के आधा दर्जन गांवों में नूना नदी की नई धारा ने पिछले दो माह
संसू, सिकटी (अररिया): सिकटी के आधा दर्जन गांवों में नूना नदी की नई धारा ने पिछले दो माह से तबाही मचा दी है। नूना की नई धारा का पानी गांव में फैला हुआ है। अबतक कई बार गांव में पानी का बढ़ने घटने का सिलसिला जारी रहता है। गांव में पानी एक तरह से स्थायी रूप से जमा हो गया है। लोगों के घर-आंगन में पानी है। गांव से बाहर जाने का रास्ता भी जलमग्न है। डीएम का कहना है कि बारिश के बाद पानी निकलने पर इस समस्या का स्थायी निदान किया जाएगा। तत्काल गांव में नाव की व्यवस्था करा दी गई है।
विदित हो कि गत साल नूना नदी ने दहगामा से पूरब अपनी धारा बदली जो पड़रिया और दहगामा के सीमा पर बसा ईदगाह टोले को चिरती हुई आगे बढते हुए नई धारा में बहना शुरु कर दिया।इसके बाद से पुरानी धारा का प्रवाह बंद हो गया।तब से नई धारा होकर बह रहे पानी से कठुआ, सालगोड़ी,कचना,अंसारी टोला,बगुलाडाँगी,औलाबाड़ी,छपनिया पूरी तरह प्रभावित हो रहा है।इन गाँवो के रास्ते पूरी तरह कट गए।नाव और चचरी या फिर पानी की धारा होकर पार उतरना पड़ रहा है।साल गोड़ी से पूरब और पश्चिम दो तरफ चार पांच कटान है। तीन चार भागों में बह रहे नये धारा से करीब डेढ़ किमी का क्षेत्र फल पानी कीचड़ सिल्ट से भर गया है। सैकड़ों एकड़ जमीन पानी में डूबी पड़ी है। जिस पर खेती नही हो पा रहा है। कल तक जहां धान में भरा खलिहान होता था वहां आज अनाज के लाले पड़े हैं।जिस रास्ते से ये धारा बह रही है उसमे पड़ने वाले टोले गांव एवं खेत रेत के मैदान बन गए है। अंसारी टोले एवं बगुलाडांगी के लोगों का आवागमन नाल के सहारे ही चल रहा है। कचना एवं सालगोड़ी के लोग जब पानी बढ़ता है तो घर से बाहर नही निकल पाते है। तेज धारा में बहने का खतरा बन जाता है। पानी कम होने के बाद चचरी या फिर पैदल पानी होकर बाहर आने जाने को विवश हैं। जिलाधिकारी प्रशांत कुमार सीएच एवं अनुमंडल पदाधिकारी शैलेश चंद्र दिवाकर ने भी इन बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया। नाव पर बैठकर लोगों के बीच गए। लेकिन सहायता के नाम पर सिर्फ आश्वासन की घुट्टी ही मिली। नाव की सुविधा, अस्थायी निदान और बरसात के बाद इस पर काम करने का वायदा कर चले गए। लेकिन आज भी वही और उसी हारत मे जीने को विवश है। राजवंशी टोले के एक दर्जन परिवार के आंगन दरवाजे पर तीन महीने पानी जमा है। अक्टूबर तक पानी हटने की उम्मीद है। नूना नदी के नई धारा के सामने बसे गांव के लोग कब तक इसकी त्रासदी झेलते रह़ेंगे ये तो आने वाला वक्त बताएगा।