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बच्चे की हत्या मामले में मां-बेटी को उम्रकैद

अररिया। अररिया के एडीजे तृतीय आरके श्रीवास्तव की अदालत ने साल भर पहले एक अबोध बालक की

By JagranEdited By: Published: Sat, 21 Jul 2018 11:44 PM (IST)Updated: Sat, 21 Jul 2018 11:44 PM (IST)
बच्चे की हत्या मामले में मां-बेटी को उम्रकैद
बच्चे की हत्या मामले में मां-बेटी को उम्रकैद

अररिया। अररिया के एडीजे तृतीय आरके श्रीवास्तव की अदालत ने साल भर पहले एक अबोध बालक की गला मरोड़ कर की गई निर्दयतापूर्ण हत्या के मामले में शनिवार को सजा सुनाई। सजा में काफी गंभीर कुकृत्य व अतिसंवेदनशील कहते हुए तथा सजा की ¨बदु पर मां-बेटी को सश्रम उम्रकैद की सजा सहित प्रत्येक को 75-75 हजार रुपये जुर्माना भरने का फैसला सुनाया गया है। जुर्माना राशि अदा नहीं करने पर दोनों आरोपितों को अतिरिक्त सजा भी काटनी होगी। जानकारी के मुताबिक यह घटना 15 मई 2017की है। भरगामा थाना क्षेत्र के बैजूपट्टी तकिया टोला की आरोपित चुन्नी प्रवीण और मामले की सूचिका बीवी मेहरून निशां रिश्ते में सौतन हैं। आरोपित चुन्नी प्रवीण ने सुपौल जिले के छातापुर रजवारा निवासी अपनी मां शायरा बानो के साथ साजिश रची और अपनी सौतन बीवी मेहरून निशां के छह वर्षीय पुत्र मो. दिलखुश को लाड़-प्यार करते चाकलेट व मिठाई दिखा कर लुभाते हुए समीप के एक बगीचा में खेलने ले गई और वहां भूसा घर में ले जाकर हत्या कर दी। साथ ही साक्ष्य छुपाने की नीयत से पहले शव को जमील मुखिया के भूसी घर में रखा गया तथा बाद में मकई खेत में ले जाकर छिपा दिया। आरोपितों ने घटना को स्वीकारते हुए पुलिस के समक्ष निर्दयतापूर्ण की गई इस घटना को स्वीकार किया है। उसने कहा कि इस घटना में आरोपित शायरा बानो ने बच्चे को पकड़ा और आरोपित बने उसकी बेटी चुन्नी प्रवीण ने अबोध बच्चे मो. दिलखुश के गला मड़ोर कर हत्या कर दी। पुलिस ने इसी स्वीकारोक्ति बयान के आधार पर मृतक का शव बरामद किया। फिलहाल इस मामले में सरकार की ओर से एपीपी संजय मिश्रा व बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता अरूण कुमार मंडल ने भाग लिया। एपीपी मिश्रा ने इस मामले को घोर अमानवीय कहते हुए अदालत से फांसी की सजा देने की अपील की, जबकि अदालत ने निर्दयतापूर्ण हुई इस घटना को अमानवीय कुकृत्य कहा है तथा बीवी चुन्नी प्रवीण तथा उसकी मां बीवी शायरा बानो को सश्रम उम्रकैद की सजा व प्रत्येक को 50-50हजार रुपये अर्थदंड तथा जुर्माना अदा नहीं करने पर एक साल का कैद तथा भादवि की धारा-201/34 में पांच-पांच वर्ष का सश्रम कैद व 25-25हजार रुपये अर्थदंड व जुर्माना नहीं भरने पर छह महीने का साधारण कैद की सजा का फैसला सुनाया है।

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