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सीरो सर्वेक्षण के तहत हर हफ्ते 200 से 800 सैंपल एकत्र करना होगा जरूरी

अररिया। कोरोना संक्रमण के प्रसार के ट्रेंड को समझने व इसकी व्यापकता की निगरानी के मद्देन

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 May 2020 11:50 PM (IST)Updated: Sat, 23 May 2020 11:50 PM (IST)
सीरो सर्वेक्षण के तहत हर  हफ्ते 200 से 800 सैंपल एकत्र करना होगा जरूरी
सीरो सर्वेक्षण के तहत हर हफ्ते 200 से 800 सैंपल एकत्र करना होगा जरूरी

अररिया। कोरोना संक्रमण के प्रसार के ट्रेंड को समझने व इसकी व्यापकता की निगरानी के मद्देनजर जिले के चिह्नित इलाकों में जनसंख्या आधारित सीरो-सर्वेक्षण किया जाएगा। इसको लेकर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने अररिया जिला सहित अन्य जिलों को डीएम और सीएस को दिशानिर्देश जारी कर इस संबंध में विस्तार से जानकारी दी है। दिशानिर्देश के अनुसार भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद(आइसीएमआर) व रष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र अन्य मुख्य हित-धारकों सहित राज्य स्वास्थ्य विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर देश के चयनित जिलों में सीरो-सर्वेक्षण करेगा।

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निगरानी इकाई के लिए जिले के 10 स्वास्थ्य केंद्रों का होगा चयन निगरानी इकाई स्थापित करने के लिए प्रत्येक चयनित जिले के 10 स्वास्थ्य केंद्रों का चयन होगा। जिसमें छह सरकारी एवं चार निजी स्वास्थ्य केन्द्रों को शामिल किया जाएगा। इसके बाद निगरानी इकाई द्वारा अधिक आबादी वाली इलाके में और बाहर से ज्यादा संख्या में वापस आने वाले लोगो के प्रखंड में सर्वेक्षण किया जायेगा।

'सीरो-सर्वेक्षण' संपादित करने के लिए दो तरह की आबादी समूहों का चयन किया गया है। जिसमें कम जोखिम वाली आबादी में आउटडोर मरीज एवं गर्भवती महिला तथा अधिक जोखिम वाले आबादी में संक्रमितों की देखभाल एवं उपचार में जुटे स्वास्थ्य कर्मी को शामिल किया गया है। जिले के अधिक जोखिम वाली आबादी से प्रति सप्ताह 100 से 400 सैंपल एकत्रित किये जाएंगे। वहीं जिले के कम जोखिम वाली आबादी के आउटडोर मरीजों से प्रति सप्ताह 50 से 100 सैंपल एवं गर्भवती महिलाओं से भी 50 से 100 सैंपल एकत्रित किये जाएंगे। इस तरह जिले के संक्रमण की निगरानी के लिए प्रति सप्ताह में कुल 200 से 800 सैंपल एकत्रित किया जाना जरूरी होगा। व्यक्तिगत रोग की निदान की जगह संक्रमण की निगरानी पर होगा जोर जारी गाइडलाइन्स में मंत्रालय ने बताया है कि नमूनों का परिक्षण एक बार में केवल 25 नमूनों के एक पूल में किया जाएगा। साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया है कि इन सभी नमूनों का परिणाम केवल निगरानी के उद्देश्य से किया जाएगा एवं इसका उपयोग किसी भी तरह से व्यक्तिगत रोग निदान की ²ष्टि से नहीं होगा। गाइडलाइंस में यह भी बताया गया है कि नाक एवं गले के स्वैब्स आरटी-पीसीआर (रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन- पोलीमीरेज चेन रिएक्शन) के लिए लिए जाएंगे। ऐसे होगा आंकड़ों का संग्रहण व विश्लेषण: - डीएम और सीएस को भेजे गए पत्र में ये निर्देश दिया गया है कि वो अपने जिले में बाहर से आये यात्रियों और कंटेन्मेंट जोन में रहने वाले लोगो की सूची तैयार करें जिसके समिति द्वारा घर घर जा कर सर्वेक्षण किया जायेगा। सूची में रेड जोन से वापस आने वाले लोगो, कंटेन्मेंट जोन में रहने वाले लोगो, वायरस से मुक्त हो चुके लोग और कोराएंटीन सेंटर से मुक्त हो चुके लोगो पर विशेष न•ार रखी जायेगी। इसमें ओपन डेटा किट (ओडीके) प्लेटफार्म की सहायता से जनसांख्यिकी विशेषताओं पर आधारित आंकडे विशेष रूप से डिजायन किये गए मानक डाटा कलेक्शन फॉर्म में एकत्रित किये जाएंगे। सीरो-सर्वेक्षण के तहत संग्रहित किये गये आंकड़ों के मानक संकेतक प्रारूपों का उपयोग करके कार्रवाई के लिए इसका स्थानीय रूप से विश्लेषण किया जाएगा। इसके बाद जगह, व्यक्ति एवं समय विश्लेषण के लिए संकेतक भी बनाए जाएंगे। साथ ही आईसीएमआर तथा स्वास्थ्य एवं परिवार विकास मंत्रालय द्वारा आंकड़ा संग्रहण सहित आंकड़ों को जारी करने संबंधी निर्णय भी लिए जाएंगे।

कोट- पत्र प्राप्त हुआ है। गठित टीम के निर्देश के आलोक में बहुत जल्द ही सर्वेक्षण कार्य को आरंभ किया जाएगा।

- मदन मोहन प्रसाद सिंह, सीएस अररिया।


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