दत्तक गृह के बच्चे कुपोषण के शिकार, एनजीओ पर गिरी गाज
अररिया। दत्तक गृह अररिया के छह बच्चों में से पांच को कुपोषित पाए गए। सभी बच्चों को सदर अ
अररिया। दत्तक गृह अररिया के छह बच्चों में से पांच को कुपोषित पाए गए। सभी बच्चों को सदर अस्पताल स्थित पोषण पुनर्वास केंद्र में भेजते हुए दत्तक गृह चल रही संस्था चाइल्ड डेवलपमेंट वेलफेयर सोसाइटी की मान्यता रद कर दी गई है। संस्था द्वारा शिवपुरी में दत्तक गृह का संचालन किया जाता था। यह जानकारी सोमवार की देर रात डीएम हिमांशु शर्मा ने दी। वे स्थानीय अतिथि गृह में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण के सदस्य डॉ. आरजी आनंद के साथ पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। जानकारी के मुताबिक
शिवपुरी, अररिया में दत्तक गृह चला रही चाइल्ड डेवलमेंट वेलफेयर सोसाइटी की को-ऑर्डिनेटर सुमन कुमारी ने केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को जानकारी दी थीं कि अररिया के दत्तक गृह में बच्चों की देखभाल में लापरवाही बरती जा रही है। बच्चों को पोषक आहार भी सही तरीके से नहीं दिया जा रहा है। दत्तक गृह के भवन में वेंटीलेंशन भी नहीं है जिससे बच्चों को सांस लेने में भी परेशानी हो रही है। ऐसे में कभी भी कोई अनहोनी हो सकती है। इसी शिकायत के आलोक में दत्तक गृह की सोमवार को जांच की गई। इससे पहले डीएम ने बताया कि दत्तक गृह में मौजूद सभी छह बच्चों में पांच को सदर अस्पताल स्थित पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती कराया गया है। बच्चे जैसे ही स्वस्थ होंगे, उन्हें दूसरे संस्थान में भेज दिया जाएगा। दत्तक गृह चला रही संस्था की मान्यता रद करने की अनुशंसा की गई है। शिकायत करने वाली संस्था की को-ऑर्डिनेटर सुमन कुमारी भी संदेह के घेरे में हैं, क्योंकि दत्तक केंद्र संचालन के लिए पिछले महीने की राशि उनके निजी बैंक खाते में बच्चे भेजी गई थी।
कोट दत्तक गृह, शिवपूरी, अररिया की को-ऑर्डिनेटर सुमन कुमारी की शिकायत पर केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने अररिया के दत्तक गृह केंद्र की जांच कराई है। निरीक्षण में भारी अनियमितता मिली है। यह रिपोर्ट केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को सौंपी जाएगी। --डॉ. आरजी आनंद, सदस्य, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग, भारत सरकार कोट- लगभग छह महीन पहले अररिया दत्तक गृह से एक बच्चे को स्पेन-दंपत्ति ने गोद लिया था। वह बच्चा वहां पर कैसे है, लालन -पालन निर्देश के अनुसार हो रहा है, इस बाबत भी कोई रिपोर्टे दत्तक गृह चला रही संस्था के पास नहीं है। यह दायित्वों के प्रति घोर लापरवाही है। संस्था को प्रति बच्चा 10 रुपये का भुगतान किया जाता है।
-हिमांशु शर्मा, जिलाधिकारी, अररिया।