70 के बजाय 40 साल की उम्र में हो रही भूलने की बीमारी
अररिया। रोजमर्रा की बातों को भूलने की समस्या आजकल बढ़ती जा रही है कुछ समय पहले तक भू
अररिया। रोजमर्रा की बातों को भूलने की समस्या आजकल बढ़ती जा रही है कुछ समय पहले तक भूलना बुजुर्गों की बीमारी मानी जाती थी पर बदलते दौर में यह बीमारी युवावस्था में ही लोगों को चपेट में ले रही है।बोलना समान प्रक्रिया होने के साथ-साथ बीमारी भी है जिसे अल्जाइमर कहां जाता है चिकित्सकों के अनुसार पहले 70 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों से पीड़ित होते थे लेकिन अब 40 वर्ष में भी लोग इस बीमारी के शिकार हो रहे हैं । अररिया सदर अस्पताल के चिकत्सक डॉ. राजेंद्र कुमार कहते है कि 25 वर्ष पहले अल्जाइमर को विकसित देश की बीमारी माना जाता था। लेकिन अब बिहार में औसत आयु बढ़ने और ज्यादा होंगे तक लोगों के कम करने से यहां इस बीमारी के संकेत मिलते हैं। दरअसल दिमाग में प्रोटीन की संरचना में गड़बड़ी के कारण यह समस्या होती है दिमाग में केमिकल और पैथोलॉजीकल बदलाव होते हैं इसे दिमाग की शरीर का संपर्क टूटने लगता है। कम उम्र में ही लक्षणों को भांपकर पकड़ लेना ज्यादा जरूरी है। क्योंकि बढ़ती उम्र में ब्रेन में केमिकल खत्म होने लगता है रोग युवाओं को भी गिरफ्त ने ले रहा है। कई बार अवसाद और तनाव के कारण भी व्यक्ति इस बीमारी से घिर जाता है। बीते 10 सालों में अल्जाइमर पांच फीसद मरीज बढ़ गए हैं। इसका पुख्ता इलाज अभी नहीं है। बीते 20 वर्ष में उपचार के लिए नई दवा बाजार में नहीं आई है चिकित्सक भी मानते हैं कि इलाज के तरीके में बहुत ज्यादा बदलाव नहीं आया है। लक्षणों के आधार पर चिकित्सक इलाज करते हैं कुछ मरीज न्यूरोलॉजिस्ट के पास जाते हैं तो कुछ मनोचिकित्सक के पास अब भी इसके निदान के लिए अध्ययन चल रहा है।