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बिजली बाधित होने पर पीएचसी में रातभर अंधेरे में रहने को विवश होते हैं मरीज

संसू कुर्साकांटा (अररिया ) प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कुर्साकांटा में पूर्व से संचालित जेनरेटर

By JagranEdited By: Published: Sat, 10 Apr 2021 12:31 AM (IST)Updated: Sat, 10 Apr 2021 12:31 AM (IST)
बिजली बाधित होने पर पीएचसी में रातभर अंधेरे में रहने को विवश होते हैं मरीज
बिजली बाधित होने पर पीएचसी में रातभर अंधेरे में रहने को विवश होते हैं मरीज

संसू ,कुर्साकांटा (अररिया ) प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कुर्साकांटा में पूर्व से संचालित जेनरेटर कई महीनों से बंद पड़ा है । गुरुवार की रात्रि बिजली बाधित होने पर जहां रातभर मरीज अंधेरे में रहने को मजबूर थे वहीं स्वास्थ्यकर्मी मोमबत्ती सहारा लेकर उपचार करते हैं। पीएचसी प्रभारी के निर्देश पर जेनरेटर सेवा बंद करने व इसकी लिखित जानकारी स्वास्थ्य विभाग अररिया व डीपीएम अररिया को दिये जाने की बात सामने आयी है। लेकिन गुरुवार की संध्या प्रतिकूल मौसम के कारण 33 हजार केबी में गड़बड़ी के कारण बिजली गुल हो गयी थी । बिजली जाते ही कुछ देर तक तो आपातकालीन सेवा व प्रसव को लेकर पीएचसी पहुंचे प्रसूति समेत उनके परिजनों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। लेकिन मरीजों की परेशानी उस वक्त बढ़ गयी जब मालूम हुआ कि प्रतिकूल मौसम के कारण बिजली रात भर नहीं आयेगी। अंधेरे में पीएचसी में रहना मरीजों को परेशान करता रहा । लेकिन अस्पताल प्रशासन द्वारा रोशनी की किसी भी तरह की वैकल्पिक व्यवस्था नहीं किया जाना मरीजों व उनके परिजनों को आक्रोशित जरूर करता रहा । गौरतलब है कि गत दिनों भी संध्या के समय बिजली चली गयी तो संध्या का समय होने के कारण मरीजों द्वारा बाजार से मोमबत्ती लाकर किसी तरह समय बिताया तो फिर बिजली आयी ।लेकिन हैरतअंगेज बात यह है कि एक तरफ सरकार व प्रशासन स्वास्थ्य विभाग में बेहतरीन सुविधा, आधुनिक मेडिकल उपकरण व अन्य साजो सामान से समृद्ध बनाया जा रहा है वहीं पीएचसी कुर्साकांटा दिन प्रतिदिन स्थित बद से बदतर की ओर अग्रसर है । जहां बिजली जाने पर पीएचसी पहुंचे मरीज रात को अंधेरे में रहने को मजबूर हैं ।बिजली गुल होने पर आपात कालीन सेवा में भी बिजली की वैकल्पिक व्यवस्था नही है । उक्त मामले में पीएचसी प्रभारी डॉ जमील अहमद ने बताया कि जेनरेटर संचालित कर रहे संस्था द्वारा मनमाने तरीके से 8 घंटे प्रत्येक दिन जेनरेटर संचालित करने को लेकर अभिश्रव दिया जाता रहा है जिसका भुगतान भी विभाग द्वारा किया जाता रहा है। जबकि बिजली की उपलब्धता काफी बेहतर हुई है। इस मामले को संज्ञान में लेते हुए जिला स्वास्थ्य विभाग समेत वरीय पदाधिकारी को लिखित जानकारी देते हुए जेनरेटर सेवा बंद किया गया है। पूछने पर की बिजली जाने की स्थिति में अस्पताल द्वारा रोशनी की वैकल्पिक व्यवस्था का किया उपाय है तो उन्होंने बताया कि वरीय पदाधिकारी के निर्देश पर आगे कार्रवाई की जाएगी।

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