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¨हदी जैसी सरल भाषा दुनिया में कोई नहीं हैं: अशफाक

अररिया। राष्ट्रभाषा ¨हदी जन-मन की भाषा है। इसका प्रयोग विश्व में 50 करोड़ से अधिक लोग कर र

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 Sep 2018 12:28 AM (IST)Updated: Sat, 15 Sep 2018 12:28 AM (IST)
¨हदी जैसी सरल भाषा दुनिया में कोई नहीं हैं: अशफाक
¨हदी जैसी सरल भाषा दुनिया में कोई नहीं हैं: अशफाक

अररिया। राष्ट्रभाषा ¨हदी जन-मन की भाषा है। इसका प्रयोग विश्व में 50 करोड़ से अधिक लोग कर रहे हैं। ये बातें ¨हदी दिवस के मौके पर नेहरू युवा केंद्र अररिया में शुक्रवार को आयोजित गोष्ठी में ¨हदी के विद्वान सह लेखापाल अशफाक आलम ने कही। इससे पहले ¨हदी के समक्ष चुनौती पर उन्होंने विस्तार से चर्चा की और बताया कि आज ¨हदी इंटरनेट, सोशल मीडिया और गूगल के चलते विश्व की भाषा बन गई है। ¨हदी जैसी सरल भाषा दुनिया में कोई नहीं है। शुभारंभ में दीप जलाकर गोष्ठी का उद्घाटन किया गया। इस मौके पर एनवाइके की नीलू कुमारी ,खुशबू कुमारी, लिपि कुमारी लवली कुमारी, किस्सू कुमारी, आशुतोष कुमार, प्रवीण कुमार, अंशुमान कुमार, मुन्ना कुमार, अनिता कुमार, अरुण कुमार ने ¨हदी की लोकप्रियता पर चर्चा की। गौरतलब है कि आज से ही नेहरू युवा केंद्र ¨हदी दिवस पखवाड़ा मनाने का भी शुभारंभ हुआ। इस दौरान राज्य भाषा प्रदर्शनी, संगोष्ठी, गीत प्रतियोगिता, सामूहिक चर्चा, निबंध, लेखन प्रतियोगिता, सांस्कृतिक कार्यक्रम,नारा लेखन प्रतियोगिता, रैली और 28 को पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन होगा। पाकिस्तान में भी बोली जाती है ¨हदी : डॉ. नवीन

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फोटो 14एआरआर-18 ¨हदी का प्रयोग भारत का अलावा नेपाल, दक्षिण अफ्रीका, अमेरिका, पाकिस्तान, ¨सगापुर, जर्मनी और न्यूजीलैंड जैसे देशों में हो रहा है।

यह बात ¨हदी के विद्वान व गुलाबबाग पूर्णिया के निवासी भारतीय जगदीश लाल फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. नवीन कुमार वर्मा ने कही। उन्होंने जागरण से बातचीत में ¨हदी को न्यायालय की भाषा बनाने की मांग करते हुए कहा कि वे एक शादी तमिलनाडु गए थे। वहां के लोग हम लोगों से ¨हदी में बातचीत करने का प्रयास कर रहे थे। असम की यात्रा में भी ¨हदी बोलने मिल गए थे। सोने की चिड़िया कहलाने वाले इस देश को एक सूत्र में बांधने वाली ¨हदी भाषा ही है। इसके बावजूद यह भाषा आज तक राज-काज की भाषा नहीं बन सकी। सरकार तत्काल इसे राज-काज की भाषा घोषित करें। उन्होंने कहा कि हम सभी को अपनी मातृभाषा पर गर्व होना चाहिए।


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