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नरपतगंज - विवादों के बोझ से दबे हैं हल्का कर्मचारी

एक- एक पर है दर्जनों पंचायतों का भार पारदर्शी नीति अपनाई जाय तो विवादों में आ सकती है कम

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Jan 2021 11:36 PM (IST)Updated: Sun, 17 Jan 2021 11:36 PM (IST)
नरपतगंज - विवादों के बोझ से दबे हैं हल्का कर्मचारी
नरपतगंज - विवादों के बोझ से दबे हैं हल्का कर्मचारी

एक- एक पर है दर्जनों पंचायतों का भार

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पारदर्शी नीति अपनाई जाय तो विवादों में आ सकती है कमी

संसू, फुलकाहा (अररिया): नरपतगंज प्रखंड का 29 पंचायत महज तीन हल्का कर्मचारी के भरोसे चल रहा है। शायद यही कारण है कि भूमि विवाद के मामले में नरपतगंज अव्वल हो गया है। नरपतगंज को तीन थाना क्रमश: घुरना, फुलकाहा एवं नरपतगंज तथा एक ओपी क्षेत्र बसमतिया में बांटा गया है। पुलिस सूत्र बताते हैं कि भूमि विवाद के मामले में नरपतगंज थाना का पिठोरा पंचायत, रेवाही, फतेहपुर फुलकाहा थाना का मानिकपुर, अंचरा, भंगही पंचायत एवं घुरना थाना का पथराहा पंचायत तथा बसमतिया ओपी का बसमतिया एवं बेला पंचायत सबसे आगे है। क्रमवार नरपतगंज में तीन दर्जन से अधिक घुरना थाना क्षेत्र में डेढ़ दर्जन से अधिक फुलकाहा थाना में दो दर्जन से अधिक एवं बसमतिया ओपी क्षेत्र में करीब एक दर्जन भूमि विवाद के मामले अभी भी लंबित है। विगत वर्षों में भू विवाद ने एक दर्जन के करीब लोगों की जान भी ली है। प्रबुद्धजन बताते हैं कि भू विवाद का मामला सुलझाने के बजाय इसलिए निरंतर उलझता जा रहा है क्योंकि निष्पक्ष एवं पार्दर्शी नीति हल्का कर्मचारी द्वारा जमीनी सतह पर नहीं अपनाई जाती। इस क्षेत्र में जमीन किसी की और बासगीत पर्चा किसी और को दे दिया गया। ऐसे में जमीन के हकदार एवं बासगीत पर्चाधारी के बीच विवाद होना और विवाद बढ़ने के बाद हत्या तक हो जाना यहां का इतिहास रहा है। कहीं न कहीं हल्का कर्मचारी यदि गलती नहीं करती तो भूमि विवाद की फेहरिस्त इतनी लंबी नहीं होती। हल्का कर्मचारी के कार्यशैली पर सवाल उठाने से पूर्व यह भी देखना लाजिमी है कि हल्का कर्मचारी सही मायने में कितना हल्का है। एक एक कर्मचारी पर दर्जन एवं आधे दर्जन पंचायतों का बोझ है। दिलीप कर्ण हल्का कर्मचारी है इन पर मधुरा उत्तर, मधुरा पश्चिम, मधुरा दक्षिण, अंचरा, नाथपुर, बड़हारा, दरगाहीगंज, खैरा पंचायत का कार्यभार है। पूनम कुमारी पर रामघाट कोशिकापुर, फरही, गौड़राहा बिशनपुर, तामगंज, गोखलापुर, मिरदोल, फतेहपुर, पिठौरा का भार है। अवधेश कुमार को नवाबगंज, मानिकपुर, बेला, बसमतिया, पथराहा, सोनापुर, पलासी, भंगही, बढ़ेपारा, खाबह, पोसदाहा, बबुआन एवं रेवाही पंचायत का भार दिया गया है। जाहिर है काम अधिक और जल्दबाजी भी अधिक। ऐसे में यदि जमीनी विवाद को आनन फानन में निपटाने की कोशिश की जाय तो संभव नहीं दिखता। यही कारण भी है कि विवाद का मामला वर्षों से थाना एवं कोर्ट कचहरी का चक्कर लगा रहा है। नरपतगंज थानाध्यक्ष एमए हैदरी घुरना थानाध्यक्ष लालमोहर सिंह फुलकाहा थानाध्यक्ष हरेश तिवारी एवं बसमतिया ओपी अध्यक्ष बिरिद कुमार स्वीकार करते हैं कि अन्य मामले के मुकाबले यहां भू विवाद का मामला अधिक आता है। नरपतगंज अंचलाधिकारी प्रवीण कुमार सिंह ने बताया कि नरपतगंज अंचल में हल्का कर्मचारी की कमी है। एक एक कर्मचारी पर इतना अधिक बोझ है कि मामले के निपटारे में समय लग रहा है। जमीन संबधी मसले पर लोग जल्दबाजी में काम चाहते हैं। कितु ऐसे संभव नहीं दिखता कितु यदि हल्का कर्मचारी कुछ गलत करते हैं तो पीड़ित पक्ष कागजात के साथ मुझसे सीधे संपर्क कर सकते हैं। मामले में निष्पक्ष एवं उचित कार्रवाई भी की जाएगी।


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