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गांजा तस्करी के मामले में एक व्यक्ति को बीस वर्ष की सजा व जुर्माना

संसू अररिया नरपतगंज पुलिस ने चार साल पूर्व पिठौरा गांव में छापेमारी कर करीब नब्बे किलो

By JagranEdited By: Published: Thu, 04 Mar 2021 11:55 PM (IST)Updated: Thu, 04 Mar 2021 11:55 PM (IST)
गांजा तस्करी के मामले में एक व्यक्ति को बीस वर्ष की सजा व जुर्माना
गांजा तस्करी के मामले में एक व्यक्ति को बीस वर्ष की सजा व जुर्माना

संसू, अररिया: नरपतगंज पुलिस ने चार साल पूर्व पिठौरा गांव में छापेमारी कर करीब नब्बे किलो अवैध गांजा बरामद किया था। इस मामले में अररिया के एनडीपीएस एक्ट के स्पेशल जज सह एडीजे प्रथम रमण कुमार की स्पेशल कोर्ट ने सुनवाई पूरी की तथा गुरुवार को सजा की बिदु पर बहस सुनने के पश्चात दोषसिद्ध आरोपित बने विकास कुमार साह को बीस साल का सश्रम कैद सहित दो लाख रुपये आर्थिक जुर्माना भरने का फैसला सुनाया है। जबकि इसी मामले में उसका भाई विनोद साह के खिलाफ आरोप प्रमाणित नहीं होने पर उसे उक्त कोर्ट ने रिहा कर दिया है।

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यह घटना 26 सितंबर, 16 की है। नरपतगंज के पुअनि हरेंद्र राम ने अपने साथ पुलिस बलों के साथ शंका के आधार पर पिठौरा गांव के वार्ड नंबर-05 में आरोपितों के घर में छापामारी की। जहां बिना रजिस्ट्रेशन के खड़े स्कार्पियो गाड़ी के पीछे सीट के नीचे प्लास्टिक के चार थैली में । जो क्रमश: बीस किलो, अठारह किलो, आठ किलो एवं साढ़े तीन किलो (कुल 89.5 किलो) वजन का रखे अवैध गांजा बरामद किया गया। जिसे कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद जब्त कर लिया गया। इस मामले में नरपतगंज थाना कांड संख्या-329/16 दर्ज करते पीठौरा गांव निवासी राम किशुन साह के पूत्र विकास कुमार साह एवं विनोद कुमार साह को आरोपित किया गया।

इस मामले में अररिया के एनडीपीएस एक्ट के स्पेशल कोर्ट के न्यायाधीश रमण कुमार ने स्पेशल केस नंबर-38/16 के तहत सुनवाई पूरी की। इस मामले में सरकार की ओर से स्पेशल पीपी अशोक कुमार मिश्रा तथा बचाव पक्ष से युवा अधिवक्ता राजानंद पासवान ने भाग लिया। सरकार का प्रतिनिधित्व करते स्पेशल पीपी श्री मिश्रा ने इस घटना को अतिसंवेदनशील बताते इसे अपने ही राष्ट्र के प्रति जघन्य अपराध कहा है। उन्होंने कहा कि तस्करी एवं अवैध तरीके से इस तरह के काम को अंजाम दिये जाने के कारण हीं देश का सु²ढ़ व्यवस्था पर सीधा असर पड़ता है। जो एक गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है। जबकि बचाव पक्ष के अधिवक्ता श्री पासवान ने अपना पक्ष रखा।

स्पेशल कोर्ट ने साक्ष्यों एवं अन्य सभी बिदुओं पर ध्यान केंद्रित करते इस मामले में 40 वर्षीय विकास कुमार साह को दोषसिद्ध आरोपित माना तथा उसे बीस साल का सश्रम कैद सहित दो लाख रुपए जुर्माना अदा करने का फैसला सुनाया है। जबकि दोषसिद्ध आरोपित के भाई विनोद कुमार साह को साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया गया।


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