Move to Jagran APP

सांसारिक ताप का हरण करती है माता महागौरी, नारियल का भोग है प्रिय

महागौरी देवी दुर्गा का आठवां स्वरूप है। महाअष्टमी के दिन इन्हीं की पूजा का विधान है।महागौरी मां ममता की मूरत हैं और परम कल्याणकारी हैं। मां महागौरी की उपासना करने से आर्थिक परेशानियां दूर हो जाती है और मां से मनचाहे विवाह का वरदान भी मिलता है।

By Anil Kumar TripathiEdited By: Shivam BajpaiPublished: Mon, 03 Oct 2022 07:52 PM (IST)Updated: Mon, 03 Oct 2022 07:52 PM (IST)
सांसारिक ताप का हरण करती है माता महागौरी, नारियल का भोग है प्रिय
जय माता दी: अररिया में दुर्गा पंडाल में विराजी मां।

संसू सिकटी, (अररिया): शारदीय नवरात्र की अष्टमी तिथि को भक्तों ने माता दुर्गा के आठवें स्वरूप माता महागौरी की पूजा बड़े हीं धूमधाम से की। हिंदू धर्म में अष्टमी तिथि का बहुत महात्म माना गया है। जब महागौरी की उत्पत्ति हुई उस समय उनकी उम्र आठ साल थी, इसीलिए इनकी पूजा अष्टमी के दिन की जाती है। ये देवी सदा सुख और शान्ति देती है। अपने भक्तों के लिए यह अन्नपूर्णा स्वरूप है, इसलिए मां के भक्त अष्टमी के दिन कन्याओं का पूजन और सम्मान करते हुए महागौरी की कृपा प्राप्त करते हैं।

loksabha election banner

स्वरूप

महागौरी का वर्ण सफेद हैं। इनका वाहन वृषभ अर्थात बैल है, जो भगवान शिव का भी वाहन है। श्वेत वस्त्र धारण किए हुए चतुर्भुज युक्त माता महागौरी का दाहिना हाथ अभयमुद्रा में है और नीचे वाले हाथ में दुर्गा शक्ति का प्रतीक त्रिशुल है। महागौरी के ऊपर वाले हाथ में शिव का प्रतीक डमरू है। डमरू धारण करने के कारण मां को शिवा के नाम से भी जाना जाता है। मां का नीचे वाला हाथ अपने भक्तों को अभय देता हुआ वरमुद्रा में हैं और मां शांत मुद्रा में दृष्टिगत है।

महागौरी देवी दुर्गा का आठवां स्वरूप है। महाअष्टमी के दिन इन्हीं की पूजा का विधान है।महागौरी मां ममता की मूरत हैं और परम कल्याणकारी हैं। मां महागौरी की उपासना करने से आर्थिक परेशानियां दूर हो जाती है और मां से मनचाहे विवाह का वरदान भी मिलता है।शारदीय नवरात्र के आठवे दिन भक्तो ने माता महागौरी की पूजा की।वही फारबिसगंज प्रखंड में दशहरा की धूम के बीच श्रद्धालुओं की भीड़ पूजा स्थलों पर उमड़ रही है।सोमवार को क्षेत्र के विभिन्न मंदिरों व पूजा स्थलों पर महाअष्टमी की पूजा को लेकर बड़ी संख्या में भक्तजनों का तांता लगा रहा।

महाअष्टमी में माता दुर्गा के दर्शन एवं पूजा अर्चना को लेकर सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ क्षेत्र के फारबिसगंज, खवासपुर, सिमराहा, मधुबनी, अमहरा, भागकोहलिया ,मझुआ, बरदाहा, पोठिया, बेलेय, लहसनगंज, मिर्जापुर, बलुआ, आदिवासी टोला मधुरा,आदि पूजा स्थलों पर जुटनी शुरू हो गई थी तथा महाअष्टमी में विशेष पूजा अर्चना एवं मैया के दरबार में मन्नते मांगने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी।

खासकर महिला श्रद्धालुओं ने महाअष्टमी का उपवास रख देवी के दरबार में महागौरी की पूजा अर्चना की तथा सुख शांति के लिये प्रार्थना की। लोग माता के आरती वंदना में जुटे है। इस पूजा के साथ ही दशहरे का रंग परवान चढ़ने लगा है। कई पूजा स्थलों पर साज सजावट एवं रंग बिरंगे रोशनी की छटा आकर्षण का केंद्र बनी हुई है।वहीं विभिन्न पूजा समितियों द्वारा अब नवमी एवं विजयदशमी की तैयारी की जा रही है। गौरतलब हो की नवमी एवं विजयदशमी को पूजा स्थलों पर सर्वाधिक भीड़ होती है। कुल मिलाकर उत्साहपूर्ण एवं उत्सव का माहौल है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.