टूट हुए ढक्कनों को बदलने का नहीं है नगर परिषद में प्रावधान
अररिया। टूटे हुए ढक्कन को बनाने का प्रावधान नगर परिषद में नहीं है। इतना ही नहीं नाला पर
अररिया। टूटे हुए ढक्कन को बनाने का प्रावधान नगर परिषद में नहीं है। इतना ही नहीं नाला पर नाला बनने से सड़क की चौड़ाई कम हो रही है, जिससे हमेशा जाम और दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। करोड़ों खर्च के बाद शहर खूबसूरत होने के बजाय बदसूरत होते जा रहा है । नगर में बन रहे नाला और सड़क के संबंध में पूछे जाने पर नगरवासियों ने अलग -अलग विचार दिए हैं।
नगर परिषद के काली मंदिर चौक की रहने वाली मोनालिशा मुखर्जी ने कहा कि शहर के विकास के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं, जो अच्छी बात है लेकिन करोड़ो खर्च के बाद भी शहर की सूरत नहीं बदलती है तो ये ¨चता की बात है । शहर के लोग अगर जल जमाव से परेशान ही रहेंगे तो नाला निर्माण का क्या मतलब लगाया जाए । शहर के गुड्डू खान ने कहा कि शहर के विकास पर अभी तक जीतनी राशि खर्च की गई है अगर यही राशि मास्टर प्लान बनाकर विकास कार्य मे खर्च किया जाता तो निश्चित रूप से शहरवासियों को काफी सुविधा प्राप्त हो जाती । अभी भी जो कार्य हो रहा है उसके गुणवत्ता पर ध्यान देने की जरूरत है । शहर की रहने वाली रौनक परवीन और परमेश्वरी ने कहा पूरे शहर के एक भी नाले से सुचारू रूप से जल निकासी नहीं होती है । सड़कों का भी बुरा हाल है। आजाद नगर में करोड़ों की लागत से छह माह पहले बनी सड़क की गिट्टी उखरना शुरू हो गई है। शहर के मोअ•ा्•ाम आलम और शकील ने बताया कि नाला निर्माण और सड़क के नाम पर हर वर्ष करोड़ों रुपये पानी की तरह बहाया जाता है। हर जगह घटिया नाला बन रहा है, जिसकी गुणवत्ता को देखने वाला कोई नहीं है।सबको केवल अपने अपने पीसी से मतलब है । संवेदकों की अपनी अलग मजबूरी है । वो कहते हैं कि पीसी इतना •ा्यादा देना पड़ता है कि काम प्राक्कलन के हिसाब से कर पाना असंभव है। अररिया के देवेंद्र मिश्रा अधिवक्ता ने तो यहां तक कहा कि शहर में नाला और सड़क का निर्माण सिर्फ पीसी के लिए हो रहा है । कही बेहतर सड़क और कामयाब नाला मुझे तो पूरे शहर में नहीं दिख रहा है। आजाद नगर, चित्रगुप्त नगर ,आश्रम मुहल्ला में नाला नहीं रहने के चलते जल जमाव की समस्या से वार्ड वासी जूझने को मजबूर है। ----इनसेट---------
- नगर परिषद के 29 वार्ड में लगभग दो लाख लोग रहते है। लेकिन पूरे शहर को दो हिस्सों में बांटकर विकास हो रहा है ।चांदनी चौक से दक्षिण जीरो माइल तक चौड़ी सड़क ,नाला पर नाला बनाया गया है । मानो इधर स्मार्ट अररिया बनाया जा रहा है । चांदनी चौक से गोढ़ी चौक तक जो शहर का हिस्सा है उसकी उपेक्षा हो रही है। इधर न तो नाला है और न ही चौड़ी सड़कें । सबकुछ पुराना ही है । मानो, इधर के लोग नगर परिषद को टैक्स देते नहीं है । ऐसे में शहर के आधे हिस्से के साथ विकास के मामले में सौतेला व्यवहार ¨चता का विषय है। ---------कोट-------
पूर्व शहर में जो कुछ खामियां थीं, वह खामियां नये निर्माण नहीं हों, इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है। सड़क का एक-एक बूंद -बूंद पानी नाले में गिरेगा और नाला बहेगा भी। इसीलिए चौड़ें गहरे नाले बनाए जा रहे हैं। गुणवत्ता को लेकर किसी ने कोई शिकायत आज तक नहीं की है। -अफशाना परवीन, उप मुख्य पार्षद, नप अररिया।