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रेड लाइट इलाके की बेटियां बना रहीं पहचान

अररिया। एक संस्था द्वारा रेड लाइट एरिया की बच्चियों को शिक्षित करने का प्रयास शुरू की थी,

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 Jan 2019 12:50 AM (IST)Updated: Thu, 17 Jan 2019 12:50 AM (IST)
रेड लाइट इलाके की बेटियां बना रहीं पहचान

अररिया। एक संस्था द्वारा रेड लाइट एरिया की बच्चियों को शिक्षित करने का प्रयास शुरू की थी, जो आज सुखद स्थिति में पहुंच चुका है। रेड लाइट एरिया से निकाली गईं 25 लड़कियों में 23 कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय से निकलकर कॉलेज में पहुंच चुकी हैं। इनमें से एक का चयन छह महीने पहले बिहार महिला पुलिस बल में व एक का कोलकाता के एक फाइव स्टार होटल में सम्मानजनक पद पर हो चुका है। वहीं दो लड़कियों को दलालों ने गुम कर दिया। जानकारी के मुताबिक 23 लड़कियों में से छह कोलकाता के सेंट जेवियर्स कॉलेज में और 15 लड़कियां महिला कॉलेज पटना और मगध महिला कॉलेज के हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर रही हैं। इस बाबत शिक्षा विभाग के सूत्रों ने बताया कि अपने आप वीमेन व‌र्ल्ड वाइड की संस्थापक रुचिरा गुप्ता के प्रयास से रेड लाइट एरिया की 25 बच्चियों का नामांकन कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में कराया गया था। दलाल, लड़कियों को कस्तूरबा गांधी के छात्रावास से निकालना चाहते थे। दो छात्राओं के भगा ले जाने में भी कामयाब रहे। इस पीड़ा को लेकर संस्था ¨चतित हुई और अपने संसाधनों से वर्ग आठ की पढ़ाई पूरी होने के बाद सभी का नामांकन निजी क्षेत्र से अच्छे स्कूलों में कराई। जिसमें एक को बिहार सरकार के महिला पुलिस बल में छह महीने महीने पहले नौकरी मिल चुकी है। एक लड़की कोलकाता में फाइव स्टार होटल में बड़े पद पर कार्यरत है।अन्य लड़कियां कॉलेज की पढ़ाई कर रही हैं। इससे भी बड़ा ऐतिहासिक कदम कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में इंटर मीडिएट तक पढ़ाई को लेकर उठाया गया कदम है। संस्था ने पटना हाईकोर्ट में इस बाबत पीआइएल 2013 में दायर की।वर्ष 2014 में पक्ष में निर्णय आया। वहीं प्रदेश सरकार सभी कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में इंटर मीडिएट तक पढ़ाई 2019 से शुरू करने जा रही है। कोट फारबिसगंज की संस्था अपने आप वीमेन व‌र्ल्ड वाइड की डायरेक्टर रुचिरा गुप्ता असहाय लड़कियों को सशक्त बनाने की योजना पर काम कर रही हैं। सभी कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में प्लस टू तक पढ़ाई होगी। इसे लेकर भूमि की तलाश की जा रही है। अप्रैल से पढ़ाई शुरु हो सकती है।

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-बलेश्वर यादव, डीपीओ समग्र शिक्षा अभियान अररिया। कोट-

23 बच्चियां को गोद लेकर मेरी संस्था पढ़ा रही है। कस्तूरबा में प्रारंभिक पढ़ाई करके ये बच्चियां आज कॉलेज में पढ़ रही हैं। जिसमें से एक बालिका इस समय बिहार महिला पुलिस बल में तो एक फाइव स्टार होटल में कार्यरत है। कस्तूरबा को प्लस टू में उत्क्रमित करने के लिए पीआइएल मेरी संस्था 2013 में दायर की थी और उत्क्रमित करने का न्यायालय का आदेश 2014 में जारी हुआ था। उम्मीद है कि 2019 से कस्तूरबा प्लस टू में तब्दील हो जाएगी।

---रुचिरा गुप्ता, डायरेक्टर अपने आप संस्था, फारबिसगंज।


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