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व्यवस्था के अभाव में दम तोड़ रही कुआड़ी हटिया

अररिया। जिले के नामचीन हटिया में रूप में स्थान रखने वाला कुआड़ी हटिया अपनी बदहाली पर आंसू बहाने को व

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Jun 2018 11:44 PM (IST)Updated: Thu, 21 Jun 2018 11:44 PM (IST)
व्यवस्था के अभाव में दम तोड़ रही कुआड़ी हटिया
व्यवस्था के अभाव में दम तोड़ रही कुआड़ी हटिया

अररिया। जिले के नामचीन हटिया में रूप में स्थान रखने वाला कुआड़ी हटिया अपनी बदहाली पर आंसू बहाने को विवश है। जमाना बीत गया अब तक नहीं बदल सकी कुआड़ी हाट की तस्वीर नहीं बदल सकी। सरकार को मोटी राजस्व देने वाली कुआड़ी हाट अतिक्रमणकारियों के चपेट में आकर सिकुड़ रहा है। सैकड़ों लोगों को रोजगार देने वाली कुआड़ी हटिया व्यवस्था के अभाव में दम तोड़ने के करार पर हैं। हाट के चारों ओर गंदगी का अंबार पसरा पड़ा है। इसकी साफ- सफाई का कोई व्यवस्था नहीं होती है। पेयजल की व्यवस्था भी यहां नदारद है। शौचालय की व्यवस्था नही रहने से लोगों काफी कठिनाई होती है। हटिया में जल जमाव होना एक बड़ी समस्या बनी रहती है। कुर्साकांटा प्रखंड के नामचीन कुआड़ी हटिया अस्तित्व समाप्त होने के कगार पर आ चुका है। व्यवस्था के अभाव में यहां के दुकानदारों और ग्राहकों को भारी परेशानी उठानी पड़ती है। कुआड़ी में दूर -दराज सुंदरी, रजौला, पहुंसी, मधुबनी, मेघा, असराहा, पीरगंज, मजरख, आमगाछी, दाढापिपर, कटफर, सुकसैना, हरिपुर ही नहीं बल्कि नेपाल के लोग भी इस हाट में सामान खरीदने आते हैं । लेकिन विभाग की ओर से इस हाट को कोइ सुविधा नहीं मिल रही है । कुआड़ी हाट की स्थिति काफी दयनीय है । दुकानदार इबरार आलम कहते हैं कि इस हाट में जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है। हल्की सी बारिश होने पर जल जमाव एक बड़ी समस्या बन जाती है। दिनों दिन हाट का क्षेत्र सिकुड़ता जा रहा है। अतिक्रमणकारी स्थायी रूप से मकान बनाकर अपनी दुकानदारी चला रहे हैं। साग -सब्जी बेचने वालों को बैठने तक की जगह नहीं मिल पा रही है। छोटे -छोटे व्यापारी मजबूरी वस उत्तर पक्की सड़क पर अपनी दुकानदारी करते हैं। मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं होने के कारण कुआड़ी हाट की रौनक में कमी आई है । खासकर शौचालय और पेयजल की व्यवस्था नहीं होने के कारण महिलओं को बेहद कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है । इसके अलावे साफ -सफाई की कोई मुकम्मल व्यवस्था नहीं है । कभी -कभी तो कोई अप्रिय घटना होने के बाद चौकीदार दिखाई देता है। इतना ही नही शेड के अभाव में सालोभर दुकानदार भाईयों को खुले आसमान के नीचे दुकानदारी करनी पड़ती है। बरसात के दिनों में लोगों को कीचड़ -पानी में विवश होकर खरीद - बिक्री करनी पड़ती है । दुकानदारों में शंकर ¨सह , पप्पू मंडल , अब्बास मियाँ , वीरेन्द्र चौहान , राजन साह , जगरनाथ चौहान आदि का कहना है कि स्वच्छता अभियान की सफलता की दिशा में हाट -बाजारों में शौचालय निर्माण , शुद्ध पेयजल , डस्टबिन एवं सफाई कर्मी की व्यवस्था होनी चाहिए । बता दें कि कुआड़ी हाट सप्ताह के दो दिन सोमवार और शुक्रवार को लगता है , शेष अन्य दिन गुदड़ी लगती है । ग्रामीणों का कहना है कि ब्रिटिश काल के बाद लगभग बीस वर्ष पहले तक कुआड़ी हाट की स़फाई के लिये दो सफाईकर्मी कार्य करते थे । लेकिन अब यह व्यवस्था समाप्त कर दी गई है। कोट सीओ कुर्साकांटा ने बताया कि सप्ताह में दो दिन लगने वाली कुआड़ी हटिया में सुविधाओ की कमी तथा शेड के लिए आधिकारी को आवेदन भेजकर जल्द सभी सुविधा व्यवस्था दुरुस्त करवाने के लिए पहल की जा रही है।

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-विजय कुमार ¨सहा सीओ कुर्साकांटा


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