तीन साल पहले की यादें हो गई ताजी
अररिया। बुधवार की सुबह लोग अपने घरों से तैयार होकर काम से निकल गए थे। कोई कार्यालय
अररिया। बुधवार की सुबह लोग अपने घरों से तैयार होकर काम से निकल गए थे। कोई कार्यालय पहुंचे तो कोई ट्रैफिक में फंसे थे। बच्चे स्कूल में पढ़ाई कर रहे थे। 10.22 बजे हड़कंप मच गई। भूकंप- भूकंप की आवाज जिनके भी कानों में पड़ी। वे इधर उधर भागने लगे। हालांकि झटका मामूली था, कुछ ही देर में सबकुछ सहज हो गया, लेकिन लोगों के जेहन में तीन साल पहले 25 अप्रैल 2015 की यादें ताजी हो गई और लोग दहशत में आ गए। दिन भर सोशल मीडिया पर होते रहे भूकंप के चर्चे। एसबीआइ एडीवी शाखा के सहायक प्रबंधक चंदन कुमार बताते हैं कि आज वह अपने कक्ष में काम कर रहे थे। भूकंप - भूकंप की आवाज करते हुए लोग बैंक से बाहर भागने लगे। वह भी कुछ समझ पाते कि थोड़ी देर में ही सबकुछ नार्मल हो गया। उन्होंने कहा कि रिक्टर पैमाने पर कम तीव्रता वाले भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। 15 से 20 मिनट रही होगी। लोग दहशत में जरूर आ गए थे। 25 अप्रैल 2015 का 11.56 बजे का वह मनहूस घड़ी की याद ताजा हो गई थी। 25 अप्रैल को आठ से अधिक तीव्रता वाले भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। उस वक्त लगातार कई झटके ने लोगों को हैरान व परेशान कर दिया था। वहीं अधिवक्ता जब्बार हुसैन बताते हैं कि वर्ष 2015 के भूकंप में काफी जानमाल का नुकसान हुआ था। कई सरकारी व गैर सरकारी मकानों में आज भी दरार पड़ी है। कई लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे, जो आज भी निश्श्क्ता की ¨जदगी जीने को मजबूर हैं। जबकि पैराडाईज पब्लिक स्कूल के निर्देशक प्रवेज आलम का कहना था कि बच्चे कक्षा मे पढ़ाई कर रहे थे, अचानक भूकंप के झटके से सभी दहशत मे आ गए थे। नगर थानाध्यक्ष रमेशकांत चौधरी ने बताया कि मामूली झटका था, कहीं से किसी तरह की अनहोनी की सूचना नहीं है।