Move to Jagran APP

बकरा से फिर सहमे हैं लोग

अररिया। अपने कटाव के लिए मशहूर बकरा नदी के किनारे बसे गांव के लोगों को अभी से बरसात

By JagranEdited By: Published: Sun, 11 Jun 2017 05:59 PM (IST)Updated: Sun, 11 Jun 2017 05:59 PM (IST)
बकरा से फिर सहमे हैं लोग
बकरा से फिर सहमे हैं लोग

अररिया। अपने कटाव के लिए मशहूर बकरा नदी के किनारे बसे गांव के लोगों को अभी से बरसात का भय सताने लगा है। बकरा नदी बरसात के दिनों में प्रत्येक वर्ष विनाश की लीला लिख जाती है। इस नदी से हर वर्ष दर्जनों परिवार विस्थापित होते रहते हैं। जिनके पास जमीन है वह नदी के कटाव से दूर जाकर घर बना लिए हैं, लेकिन जिनके पास जमीन नहीं है। वे परिवार सड़क किनारे झोपड़ी बनाकर किसी तरह खानाबदोश की ¨जदगी जीने को विवश हैं। बरदाहा पंचायत के ढंगरी गांव के पास बकरा नदी पहुंच गई है। यदि नदी को ढंगरी गांव के पास नहीं रोका गया तो बकरा नदी आने वाले बरसात के दिनों में ढंगरी गांव को अपने में समा लेगी। गांव के दर्जनों ग्रामीणों ने प्रशासन और प्रतिनिधियों से कटाव निरोधक कार्य करने की मांग की है। दर्जनों ग्रामीणों ने बताया कि बकरा नदी वर्ष 2016 के बरसात में कटाव करते करते ढंगरी गांव के पास पहुंच गया है। यदि समय रहते ढंगरी गांव के पास बकरा नदी के कटाव को नहीं रोका गया तो आने वाले बरसात के दिनों में ढंगरी गांव के दर्जनों परिवार विस्थापन का दंश झेलने को विवश होगा। ग्रामीणों ने बताया कि अभी बकरा नदी में पानी कम है। यदि अभी से बकरा नदी में कटाव निरोधक कार्य किया जाता तो ढंगरी गांव के पास कटाव से स्थाई निदान निकल सकता है। बरदाहा पंचायत के मुखिया परवेज आलम ने बताया कि ढंगरी गांव के पास बकरा नदी के कटाव से कई अधिकारियों को अवगत कराया गया है। वहीं मनरेगा पीओ रतन कुमार ने बताया कि यदि मनरेगा से ढंगरी गांव के पास कटाव निरोधक कार्य होने वाला रहेगा तो कार्य किया जायेगा। वहीं बकरा नदी के पड़रिया घाट के पास, नेमुआ पिपरा व करह बाड़ी गांव के पास बरसात के दिनों में जल निस्सरण विभाग के अधिकारियों द्वारा कटाव स्थल का जांच कर कटाव निरोधक कार्य शुरू करने की बात भी कही थी, लेकिन अभी तक कार्य शुरू नहीं हो पाया। करहबाड़ी गांव के पास बकरा नदी एवीएम सिकटी सड़क के पास पहुंच गया है।

loksabha election banner

केस स्टडी एक- तीरा निवासी प्रकाश यादव, रामेश्वर बहरदार वर्ष 2012 में बकरा नदी से विस्थापित होने के बाद से तीरा हाट पर झोपड़ी बनाकर रह रहे हैं।

केस स्टडी दो - बकरा नदी के पड़रिया घाट पर गिरानंद राय, पानो देवी गंगा सुथियार वर्ष 2013 के भीषण बाढ़ से सड़क किनारे झोपड़ी बनाकर रह रहे हैं।

केस स्टडी तीन -विगत कई वर्षों से नेमुआ पिपरा के रोदन मंडल शिवानंद मंडल एक जगह से दूसरे जगह पर घर बनाते हैं, लेकिन पुन: बकरा नदी से विस्थापित हो जाते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.