जर्जर ग्रामीण सड़क से आवागमन में परेशानी
अररिया। किसी भी क्षेत्र के विकास का पैमाना उस क्षेत्र की अच्छी सड़कों से तय होता है। सड़कें
अररिया। किसी भी क्षेत्र के विकास का पैमाना उस क्षेत्र की अच्छी सड़कों से तय होता है। सड़कें विकास का आईना होता है। एक ओर सरकार की ओर से गाँव के विकास को लेकर लाखों-करोड़ों रुपये खर्च किये जा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर भारत-नेपाल सीमा पर बसा कुर्साकांटा तथा सिकटी प्रखंड के ग्रामीण क्षेत्र की जर्जर सड़कें गाँव के विकास की पोल खोल रही है। गांवों को पंचायत मुख्यालय व प्रखंड मुख्यालय से जोड़ने वाली यहां की कई ग्रामीण सड़कें पूरी तरह जर्जर हो चुकी है। पंद्रह बीस साल पहले बने कई सड़कों की आज तक मरम्मत भी नहीं हुई है। सिकटिया पंचायत के गोदाम चौक से एसएसबी कैम्प होते हुए जागीर परासी चौक तक गुजरने वाली ग्रामीण सड़क पूरी तरह जर्जर है। शंकरपुर पंचायत के मेहंदीपुर चौक से दक्षिण भाग करैया गाँव तक की सड़क की मरम्मत का काम नहीं होने से सड़कों का नामोनिशान मिट रहा है। कुछ ऐसी ही स्थिति डुमरिया चौक से बटराहा सड़क की है। वहीं मजरख पंचायत के डैनिया पंचायत भवन से मुखिया रमेश कुमार यादव के घर तक की सड़क का खस्ताहाल है। आमगाछी पंचायत में उफरैल चौक से उत्तर जानेवाली सड़क जो भारत -नेपाल सीमा पर मिलती है वह भी जर्जर हो रही है। दहगामा चौक से कालू चौक लगभग चार किमी की ग्रामीण सड़क अपनी जर्जर अवस्था में पहुंच गई है। मजरख सीमा से तीरा हाट होते हुए मध्य विद्यालय तीरा खारदह तक जानेवाली ग्रामीण सड़क जिसकी लंबाई लगभग तीन किमी है उसकी स्थिति भी बदतर होती जा रही है। समाजसेवी प्रणव गुप्ता तथा भानू प्रताप गुप्त कहते हैं कि सरकार गांवों के विकास के लिए कई योजनाएं धरातल पर उतार रही है, लेकिन उचित रखरखाव व समय पर मरम्मत नहीं हो पाने के कारण इन सड़कों की स्थिति दयनीय होती चली जा रही है। पूर्व पंसस ओम प्रकाश मंडल, गोरख ¨सह, नवनीत ¨सह, सरोज राय, वरीय प्रेरक वीणा देवी, राम चंद्रजी, प्रकाश शर्मा, राजेश पासवान, सरदार करण ¨सह, अनिल साह, आलोक गुप्ता, युगल गुप्ता, किशमिश राय, सुमन भारती, सुनील ठाकुर, जितेंद्र महतो, सूचना प्रदायक उमेश तिवारी, रामानंद तत्मा, भोला साह, इबरार आलम, वीरेन्द्र चौहान, दिवाकर साह, मुकेश यादव, पंकज मंडल, नवीन राय, मनोज गुप्ता, चंद्रदीप साह, विपिन भारती, काशी साह, जगनारायण साह, जानी वाकर, शुक्कुजी आदि प्रखंडवासियों का कहना है कि ग्रामीण सड़कों की हालत सुधारने के लिए न तो क्षेत्र के जनप्रतिनिधि और न ही प्रशासनिक महकमे के अधिकारी ध्यान देते हैं।