समाज सेवा की चाहत ने इंजीनियर से बनाया मुखिया
राजेन्द्र ठाकुर पलासी (अररिया) दृढ़ निश्चय के साथ सच्ची लगन से किया गया कार्य कभी व्यर्थ नहीं
राजेन्द्र ठाकुर, पलासी (अररिया): दृढ़ निश्चय के साथ सच्ची लगन से किया गया कार्य कभी व्यर्थ नहीं जाता है। इसे सच कर दिखाया है चहटपुर पंचायत के डेहटी जोगजान भाग गांव निवासी समाजसेवी शोएब आलम की पुत्री इंजीनियर रुबी प्रवीण उर्फ रुबी शोएब ने चहटपुर पंचायत की मुखिया बनी। पूर्णियां से बीटेक करने के बाद वह बीपीएससी की तैयारी में लग गयी। इसी दौरान पंचायत चुनाव की बिगुल बजते ही समाजसेवा की चाहत ने उन्हें पंचायत की ओर आकर्षित किया। इसके लिए अपने पिता की चहेती ने अपनी इच्छा पिता को बताई। पिता के सपोर्ट मिलने के बाद वह पंचायत चुनाव में कूद पड़ी। इसके लिए वह बिना किसी झिझक के जी जान से जुट गई। चुनाव प्रचार के लिए पुरूषों के अलावा महिलाओं की अलग-अलग ग्रुप बनाकर डोर टू डोर ही नहीं बल्कि आंगन टू आंगन पहुंच कर मतदाताओं को अपनी बेवाकी से अपना मुरीद बनाया। जिसके परिणामस्वरूप वह चहटपुर पंचायत की मुखिया निर्वाचित हुई। प्रचार- प्रसार के दौरान कुछ लोगों के तंज का भी सामना करना पड़ा, कितु वह जरा भी विचलित नहीं हुई। इस संबंध में प्रखंड के चहटपुर पंचायत की नव निर्वाचित मुखिया रुबी शोएब ने बताया कि पिता के समाजसेवा से जुड़े रहने के कारण बचपन से ही वह अपने पिता से प्रभावित थी। समाजसेवा के उद्देश्य से ही पूर्णियां से बीटेक करने के बाद वह बीपीएससी की तैयारी में लग गयी। इसी बीच पंचायत चुनाव आ गया। मेरे समाजसेवा का सपना जन प्रतिनिधि बनकर पूरा हो सकता था। इसलिए पंचायत चुनाव लड़ी। पंचायत चुनाव जीतने के बाद उनका उद्देश्य है सरकारी फंडों का लाभ सही ढंग से समाज के सबसे अंतिम पंक्ति के लोगों तक लाभ पहुंचाना। नशाबंदी को सही तरीके से लागू करवाना, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा को दुरुस्त कर व्याप्त भ्रष्टाचार को मिटाकर पारदर्शिता पूर्वक विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ आमजनों तक पहुंचाना उनकी प्राथमिकता में शामिल है। साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में महिलाओं में जागृति लाने के लिए अभियान चलाने की बात कही। वहीं नव निर्वाचित मुखिया ने आवास योजना, पेंशन योजना, सहित अन्य जन कल्याणकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए न लेंगे ना लेने देंगे की नीति पर चलेंगी।
वहीं उनके पिता शोएब आलम ने बताया कि उनकी पुत्री (रुबी) छह भाई व दो बहनों में छोटी है। वह बचपन से ही पढ़ने में तेज रही है। साथ ही दीन-दुखियों की मदद के लिए अग्रसर रहती थी। पंचायत चुनाव से पूर्व उसने अपनी इच्छा जाहिर की। जिसमें हम सभी परिवार वालों ने उन्हें सपोर्ट करने का फैसला लिया।