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जिले में केवल 10 बेड का जिरियाट्रिक वार्ड है मौजूद

- संभावित तीसरी लहर में बुजुर्गों को बचाना होगी बड़ी चुनौती - अनुमंडल और प्रखंड स्तर पर वार्ड बनान

By JagranEdited By: Published: Thu, 05 Aug 2021 09:36 PM (IST)Updated: Thu, 05 Aug 2021 09:36 PM (IST)
जिले में केवल 10 बेड का जिरियाट्रिक वार्ड है मौजूद

- संभावित तीसरी लहर में बुजुर्गों को बचाना होगी बड़ी चुनौती

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- अनुमंडल और प्रखंड स्तर पर वार्ड बनाने की नही हुई पहल

- संभावित तीसरी लहर को लेकर जिरियाट्रिक वार्ड को किया जा रहा अपग्रेड

राकेश मिश्रा, संसू, अररिया: कोरोना की पहली व दूसरी लहर में जिले में बुजुर्ग मरीजों की संख्या अच्छी खासी रही। राहत की बात ये रही कि अधिकतर मरीज ए सिस्टेमैटिक पाए गए और घर में ही इनका इला•ा संभव हो पाया। जानकार बताते है कि कोरोना की तीसरी संभावित लहर में हर किसी को खतरा है। संभावित लहर में बच्चे और बुजर्गो को विशेष हिदायत दी गई है। सभी अस्पताल बुजुर्गों के इलाज के लिए विशेष व्यवस्था सुनिश्चित करने में लगे हुए है। सदर अस्पताल में भी बु•ाुर्ग मरी•ाों को भर्ती करने के लिए जिरियाट्रिक वार्ड का निर्माण किया गया है। लेकिन इस वार्ड में केवल 10 बेड मौजूद है। सदर अस्पताल के अलावा जिले के किसी अनुमंडल अथवा प्रखंड में बुजुर्गों के लिए ये सुविधा उपलब्ध नही है। प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस और कोई पहल भी नही की गई है और न ही सरकार द्वारा जिले में अन्य जगहों पर जिरियाट्रिक वार्ड बनाने का आदेश दिया गया है। संभावित तीसरी लहर में अगर बहुतयात में बुजुर्ग मरी•ा इस वायरस के शिकार होते है तो जिला प्रशासन इन 10 बेड के सहारे कैसे इन मरीजों को भर्ती करेगा। इस सवाल का जवाब फिलहाल प्रशासन के पास नही है। गौरतलब है कि कोरोना वायरस की दोनों लहरों में अधिकतर बुजुर्ग मरी•ा अपने-अपने घर मे ही इलाजरत थे। इस दौर में स्वास्थ्य विभाग को ज्यादा दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ा। तीसरी लहर में मरी•ाों की हालत बहुत जल्द खराब होने की संभावना व्यक्त की जा रही है।

वार्ड को अपग्रेड करने में जुटा स्वास्थ्य विभाग- कोरोना की तीसरी लहर में बुजुर्ग मरी•ाों के इलाज के लिए जिरियाट्रिक वार्ड को अपग्रेड करने में स्वास्थ्य विभाग जुट गया है। वार्ड में बुजुर्ग मरी•ाों के लिए बहुत सारी सुविधा मौजूद है। इस वार्ड में बुजुर्गों को खाने, पीने, उन्हें शौचालय लाने-ले जाने, उनका डायपर बदलने तक कि व्यव्यस्था है। इसके अलावा व्हील चेयर की सुविधा, कुर्सी की सुविधा और अन्य सुविधा भी इस वार्ड में मौजूद है। यहां वाकर्स भी रखे गए हैं। बुजुर्ग मरीजों को उठने-बैठने में तकलीफ नहीं होने को लेकर ग्रेबर लगाए गए हैं। कोमोर्बिड बुजुर्ग मरीजों पर और भी ज्यादा विशेष ध्यान दिया जाएगा। राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों के तहत बुजुर्ग कोरोना मरीजों को बेहतर चिकित्सा सेवा मिल सके इसलिए यह विशेष वार्ड बनाया है। संभावित तीसरी लहर को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग इस वार्ड को और अपग्रेड करने में लगा है। वार्ड के अभी बैड पर आक्सीजन पाइपलाइन के पाइंट को सेटअप किया गया है। ताकि बु•ाुर्ग मरीजों को आक्सीजन की कोई कमी नही हो। इसके अलावा वार्ड के लिए दो प्रशिक्षित नर्स को भी प्रतिनियुक्त किया गया है। इन नर्सो को बुजुर्गों के इलाज का विशेष अनुभव होगा। और ये हर समय इसी वार्ड में मौजूद रहेगी।

तीन मानिटर की भी सुविधा प्लस, बीपी के लिए मददगार- जिरियाट्रिक वार्ड में स्वास्थ्य विभाग द्वारा तीन मॉनिटर की भी सुविधा उपलब्ध कराई गई है। ये मानिटर वायरस के तीसरी लहर में काफी मददगार साबित हो सकते है। इसके मदद से बुजुर्ग मरी•ाों के प्लस बीपी को मिनटों में चैक किया जा सकता है। जानकारों की माने तो तीसरी लहर में बच्चे और बुजुर्गों की स्थिति काफी नाजुक हो सकती है। कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाबजूद अन्य कई बीमारियों के चपेट में बुजुर्ग आ सकते है। इसके लिए उन्हें समय समय पर प्लस, बीपी, आदि की जांच कराना आवश्यक है।

बुजुर्ग मरी•ाों को जेनरल वार्ड में शिफ्ट करने की तैयारी कर रहा विभाग- सूबे के तमाम अस्पताल कोरोना की तीसरी लहर में जिरियाट्रिक वार्ड को अपग्रेड करने की तैयारी कर रहा है। साथ ही नए वार्ड के निर्माण की दिशा में कार्य कर रहा है। लेकिन जिले का स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन नए वार्ड के निर्माण के बजाय बुजुर्ग मरीजों को जेनरल वार्ड में शिफ्ट करने की तैयारी कर रहा है। पूछे जाने पर सीएस डॉ. एमपी गुप्ता ने बताया कि अभी नए जिरियाट्रिक वार्ड को बनाने की कोई आवश्यकता है। संभावित तीसरी लहर में अगर मरी•ा मिलते है तो उसे जेनरल वार्ड में भी शिफ्ट किया जा सकता है। । सीएस ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग वायरस की तीसरी लहर से जिलावसियों को बचाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है। तीसरी लहर में किसी को इला•ा की दिक्कत नही हो इसके लिए सभी वार्ड को अपग्रेड किया जा रहा है। सभी संसाधन जुटाए जा रहे है। जिले में ऑक्सीजन कंस्ट्रैक्ट मशीन, , रेगुलेटर, सीटी स्कैन आदि पीडियाट्रिक वार्ड सभी सुविधा मौजूद है। अन्य जो सुविधा मौजूद नही है उसे भी बहुत जल्द बहाल कर लिया जायेगा।

कोट- जिले में अन्य कही जिरियाट्रिक वार्ड बनाने की फिलहाल कोई कार्ययोजना नहीं है। हम लोग बुजुर्ग मरीजों को भी जेनरल वार्ड में भर्ती करेंगे। बच्चों के लिए वार्ड बनाना आवश्यक था जो हमलोगों ने पूरा कर लिया है- डा. एमपी गुप्ता-सीएस अररिया।


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