Araria News: मां-बाप का साया उठा तो दमन पहुंची 20 वर्षीय युवती, जिलाधिकारी के प्रयास से लौटी घर
दमन जिलाधिकारी के हस्तक्षेप के बाद अररिया जिलाधिकारी इनायत खान से फोन पर वार्तालाप हुई। जिसके बाद दो कांस्टेबल के साथ पीड़िता को मंगलवार देर संध्या अररिया लाया गया। दरसअल पूरा मामला यह है कि रामपुर निवासी लड़की के पिता की मौत एक सड़क दुर्घटना में हो गई।
अररिया, जेएनएन। सर से मां बाप का साया उठा तो जिला अंतर्गत रामपुर निवासी लड़की की तलाश में केंद्र शासित राज्य दमन तक पहुंच गई। वहां उसे देह व्यापार के दलदल में ढकेलने का प्रयास किया गया। किसी तरह जान बचाकर वो दमन महिला थाना तक पहुंची। करीब दो महीनों तक दमन प्रशासन द्वारा युवती को वन स्टाप सेंटर दमन में रखा गया। जहां जांच के क्रम में ये पता चला की युवती अररिया जिला अंतर्गत रामपुर की निवासी है।
दमन जिलाधिकारी के हस्तक्षेप के बाद अररिया जिलाधिकारी इनायत खान से फोन पर वार्तालाप हुई। जिसके बाद दो कांस्टेबल के साथ पीड़िता को मंगलवार देर संध्या अररिया लाया गया। दरसअल पूरा मामला यह है कि रामपुर निवासी लड़की के पिता की मौत एक सड़क दुर्घटना में हो गई जिसके कुछ दिनों बाद उसकी मां की भी मौत हो गई। परिवार के अन्य कोई सदस्य नहीं होने के कारण पीड़िता ने पड़ोसी से नौकरी के लिए मदद की गुहार लगाई गई।
संदेह होने पर जिलाधिकारी ने लिया संज्ञान
पड़ोसी ने नौकरी का दिलासा देकर दमन राज्य भेजा गया। जहां उसे देह व्यापार के दलदल में धकेलने का प्रयास किया गया। युवती को जब इस बात का संदेह हुआ कि उसे बेचा जा रहा है। तब वो किसी तरह जान बचाकर दमन महिला थाना पहुंची। पीड़िता इतनी डरी हुई थी कि वो महीनों तक अपने बारे में दमन प्रशासन को कुछ नहीं बता पाई। करीब दो महीनों तक दमन प्रशासन द्वारा युवती को अपने पास रखा गया।
फिर दमन जिलाधिकारी द्वारा अररिया डीएम इनायत खान से फोन पर बात की गई। जिसके बाद डीएम के निर्देश पर युवती को दो महिला कांस्टेबल के साथ अररिया लाया गया। बुधवार देर संध्या को डीएसपी पुष्कर कुमार, अररिया वन स्टॉप सेंटर के परियोजना प्रबंधक वर्षा रानी, काउंसलर वर्षा राउत, महिला थानाध्यक्ष मेनका रानी की केमौजूदगी में मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल में युवती का मेडिकल जांच कराया गया। फिलहाल युवती महिला थाना में मौजूद है और जिला प्रशासन द्वारा उसे गायघाट बालिका गृह भेजने की कार्रवाई की जा रही है।
पत्र भेजकर दी गई जानकारी
डीपीओ ने सीएस को लिखा पत्र जांच के लिए किया अनुरोध- दमन जिलाधिकारी के फोन के बाद और अररिया जिलाधिकारी के संज्ञान लेने के बाद देर संध्या पूरा प्रशासनिक महकमा हरकत में आ गया। देर संध्या डीएसपी पुस्कर कुमार महिला थाना पहुंचे। जहां पीड़ित युवती का बयान दर्ज किया गया। युवती द्वारा दिए गए बयान को दर्ज करते हुए हुए देर रात डीपीओ आईसीडीएस द्वारा सीएस अररिया को पत्र भेजकर मेडिकल जांच का अनुरोध किया गया। युवती मेडिकल जांच के उपरांत लगातार वन स्टाप सेंटर के निगरानी में रही। इस दौरान डीएम द्वारा लगातार मामले की जानकारी ली जाती रही। डीएम द्वारा खुद मामले की जानकारी लिए जाने के कारण प्रशासनिक महकमा सकते में नज़र आया।
जिले में बालिकाओं के आश्रय के लिए नहीं है कोई व्यवस्था
इस पूरे मामले में एक बड़ा सवाल सामने आया कि फिलहाल अररिया जिले में किसी युवती के साथ दुर्घटना होने या अन्य कोई वारदात होने पर आश्रय की कोई व्यवस्था नहीं है। अररिया निवासी पीड़ित होने के बावजूद आश्रय की कोई कोई व्यवस्था न होने के कारण युवती को गायघाट पटना स्थित बालिका गृह में भेजा गया। 30 लाख से अधिक आबादी के बावजूद जिले में अब तक बालिका गृह आदि का निर्माण नहीं कराया गया है। कहने के लिए महिलाओं के मदद के लिए वन स्टाप सेंटर का तो संचालन तो किया जा रहा है। मगर इस सेंटर में आश्रय ,भोजन और अन्य संसाधन की कमी के कारण फिलहाल ये महत्वपूर्ण सेंटर भी महिलाओं को आश्रय देने में असमर्थ हो रहा है।