Move to Jagran APP

आग से कितने सुरक्षित हम:

संवाद सूत्र.ताराबाड़ी(अररिया) अधिकांश पेट्रोल पंपों स्कूलों तथा भीड़-भाड़ वाली दुकानो

By JagranEdited By: Published: Wed, 11 Dec 2019 08:38 PM (IST)Updated: Thu, 12 Dec 2019 06:09 AM (IST)
आग से कितने सुरक्षित हम:

संवाद सूत्र.,ताराबाड़ी(अररिया): अधिकांश पेट्रोल पंपों, स्कूलों तथा भीड़-भाड़ वाली दुकानों में आग से बचाव को कोई ठोस व्यवस्था नहीं है। इस कारण अनहोनी की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। जिले के कई पेट्रोल पंपों पर भी आग से बचाव के लिए ना तो अग्निशामक यंत्र दिख रहे हैं ना ही बाल्टी में बालू ही भरा है। कहीं तो व्यवस्थित लावारिश सिलेंडर फेंका पड़ा है तो कहीं एक्सपायर आग्निशामक सिलेंडर ही आग से बचाव के लिए शोभा की वस्तु बना पड़ा है। वहीं अधिकांश भीड़-भाड़ वाली दुकानों में भी आग से निपटने के लिए कोई व्यवस्था उपलब्ध है। जबकि हर दिन जिले में कहीं ना कहीं आग के चपेट से लोग परेशान होते हैं। बावजूद अग्निशमन विभाग इस दिशा में कोई पहल नहीं कर रही है। स्पष्ट है कि विभागीय इस लचर व्यवस्था के कारण सैकड़ों नौनिहालों की जिदगी भगवान भरोस पर पड़ी है। इधर एसडीओ रोजी कुमारी ने बताया कि स्कूलों एवं अन्य व भीड़-भाड़ वाली जगहों पर आग से बचाव के लिए पर्याप्त व्यवस्था आवश्यक है जल्द जांच कर आग से बचाव के लिए सु²ढ़ व्यवस्था की जाएगी।

loksabha election banner

------------------------------------------------------------------------

इनसेट

जिले के कस्तूरबा विद्यालयों में नहीं है अग्निशामक यंत्र-

एक्सपायर आग्निशामक यंत्र कचरे के ढेर व कार्यायल की बढ़ा रही शोभा

राम भरोसे बच्चों की सुरक्षा का जिम्मा

फोटो नंबर 11 एआरआर 29

कैप्शन- बगैर आग्निशामक यंत्र के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय जितवारपुर

संसू.,ताराबाड़ी (अररिया): यूं तो जिलेभर के अधिकांश सरकारी व गैरसरकारी विद्यालयों में आग से निपटने के लिए कोई खास व्यवस्था नहीं है। जबकि सौ फीसद स्कूलों में गैस से मध्यान्ह भोजन पकाए जाते हैं। इस मुद्दे को लेकर जागरण टीम अररिया प्रखंड के आधा दर्जन स्कूलों का पड़ताल किया। इस दौरान कहीं तो अब तक अग्निशामक यंत्र की व्यवस्था भी नहीं कराई गई है। जहां वर्ष 2010 में विभाग द्वारा अग्निशामक यंत्र की व्यवस्था कराई गई है वहां के शिक्षकों पता भी नहीं है कि ये है तो आखिर क्या है। कहीं टेबुल के नीचे तो कहीं स्टोर रुम में पड़े कबाड़ के ढेर में फेंका है। इतना ही नहीं कुछ प्रधानाध्यापक तो उसे घर में सजोकर रखे हैं तो कुछ कार्यालय की शोभा बढ़ा रही है। हैरत की बात ये भी है कि जिन स्कूलों के पास अग्निशामक सिलेंडर उपलब्ध है वो वर्षों पूर से ही एक्सपायर हो चुका है। आलम ये है कि जिले के एक भी निजी विद्यालयों तथा सरकारी स्कूलों में आग से बचाव की सु²ढ़ व्यवस्था की गई है। अग्निशामक सिलेंडर तो दूर बाल्टी में बालू भी भरे नहीं देखे गए। खासकर गरीब बच्चियों को सरकार द्वारा कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में हजारों खर्च कर निश्शुल्क शिक्षा दी जा रही है लेकिन विपरीत परिस्थितियों से बचने के लिए यहां एक अदद अग्निशामक यंत्र व बाल्टी में बालू भरकर भी नहीं रखे जा सके हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.