दो दिन में लगभग 40 लाख रुपये का हुआ राजस्व नुकसान, दर्जनों भूमि धारक लौटे बैरंग
-जमाबंदी के आधार पर निबंधन नोटिफिकेशन के बाद सुना पड़ा अवर निबंधन कार्यालय -रोजाना जहा
-जमाबंदी के आधार पर निबंधन नोटिफिकेशन के बाद सुना पड़ा अवर निबंधन कार्यालय
-रोजाना जहां होता था 40 भूमि का निबंधन वहां संख्या हुआ महज एक
-कई भूमि धारकों के ऑनलाइन जमाबंदी इंट्री में मिला गलतियों का भरमार
-फारबिसगंज अवर निबंधन कार्यालय से एक माह में तीन करोड़ का होता है राजस्व मुनाफा
फोटो नंबर 11 एआरआर 15 व 16
कैप्शन: सुना पड़ा फारबिसगंज अवर निबंधन कार्यालय व सब रजिस्टार देवेन्द्र प्रसाद
पुरुषोत्तम भगत, संसू.,फारबिसगंज (अररिया): एक तरफ जहां बिहार सरकार ने भूमि विवादों को दूर करने के लिए जमाबंदी के आधार पर बिहार रजिस्ट्रीकरण की नई नियमावली लागू किया है। वही भूमि धारक इस नए नियमावली के बाद काफी परेशान हो रहे है। जमाबंदी में हुए त्रुटियों के कारण फारबिसगंज अवर निबंधन कार्यालय से ही सरकार के नोटिफिकेशन के बाद महज दो दिन में लगभग 40 लाख रुपये राजस्व का नुकसान हुआ है। जबकि सैकड़ों लोग जो अपने भूमि का रजिस्ट्री कराने निबंधन कार्यालय पहुंचे थे। उन्हें ऑनलाइन जमाबंदी में त्रुटि होने के कारण बैरंग वापस लौटना पड़ा है। ऑनलाइन जमाबंदी में किसी का खाता गलत है तो किसी का खेसरा। वहीं किसी के जमीन के ब्यौरा के साथ साथ नाम व पिता का भी गलत इंट्री किया हुआ है। भूमि धारकों के पास मौजूद कच्ची रसीद व जमाबंदी से ऑनलाइन इंट्री बिलकुल विपरीत है। नए नियमावली के अनुसार जब तक भूमि की धारकों का ऑनलाइन जमाबंदी एंट्री में उनके पास मौजूद दस्तावेज के अनुसार मिलान नहीं होगा तब तक वह अपनी भूमि को न किसी को बेच सकते हैं और न ही किसी को दान दे सकते हैं। ऐसी स्थिति में ऑनलाइन जमाबंदी में त्रुटियों के कारण लोग काफी परेशान हो रहे हैं। वहीं उनका भूमि का किया हुआ सौदा भी विफल हो रहा है। 10 अक्टूबर से लागू हुए नोटिफिकेशन के बाद सैकड़ो लोग लौटे वापस
फारबिसगंज अवर निबंधन कार्यालय में बिहार सरकार का नोटिफिकेशन 10 अक्टूबर से लागू हुआ है। जिसके बाद दो दिन से सैकड़ो की संख्या में लोग परेशान होकर वापस लौट रहे है। लोगों के द्वारा किए गए भूमि के सौदा का निबंधन नही हो पा रहा है। निबंधन कार्यालय के सहायक दस्तावेज नवीस निजामुद्दीन अंसारी ने बताया कि दो दिनों से सैकड़ों लोग भूमि बेचने व मोरगेज के लिए निबंधन कार्यालय आ रहे है। जब उनके पास मौजूद भूमि दस्तावेज से ऑनलाइन जमाबंदी का मिलान किया जा रहा है तो काफी त्रुटि सामने आ रही है। जिसके कारण लोग मायूस होकर लौट रहे है। भूमि निबंधन नही होने के कारण नवीस के सामने भी बेरोजगारी की स्थिति उत्पन्न हो गई है। अवर निबंधन कार्यालय के वरीय लिपिक कन्हैया प्रसाद ने बताया कि रोजाना जहां 40 से 50 की संख्या में निबंधन होता था। वही गुरुवार को महज एक निबंधन व एक मोरगेज हुआ है। जबकि शुक्रवार की दोपहर तक किसी भी भूमि का निबंधन नही सका था। अवर निबंधन कार्यालय के माह का टारगेट 3 करोड़ के राजस्व प्राप्ति करना है।
कोट -
-नोटिफिकेशन के आधार पर सरकार के निर्देश का पालन किया जा रहा है। ऑनलाइन में जमाबंदी में किया गया इंट्री व दस्तावेज मिलान के बाद ही निबंधन की स्वीकृति दी जा सकती है। बहुत से भूमि धारकों का यह मिलान नही हुआ। जिसके कारण उनका रजिस्ट्री नही हुआ। रजिस्ट्री नही होने से रोजाना 15 लाख रुपये से अधिक की राजस्व कमी हुई है। देवेन्द्र प्रसाद, अवर निबंधक फारबिसगंज।
कोट -
ऑनलाइन जमाबंदी इंट्री में त्रुटि व अपडेट नहीं होने की शिकायत मिल रही है। अंचल में एक ही कंप्यूटर ऑपरेटर है। उसी को जमाबंदी और सुधार दोनो करना है। इसलिए समय लग रहा है। लोगों की परेशानियों को दूर करने का वे हर संभव प्रयास कर रहे है। संजीव कुमार, सीओ फारबिसगंज।