नकली डालडा-तेल की बिक्री से बाजार गुलजार
-एसडीएम अररिया की सूचना पर जोकीहाट पुलिस ने की कार्रवाई -दुकानदारों पर नहीं पड़
-एसडीएम अररिया की सूचना पर जोकीहाट पुलिस ने की कार्रवाई
-दुकानदारों पर नहीं पड़ा कोई असर, जारी है आपूर्ति
-सस्ता होने के चलते ग्राहकों के बीच में है लोकप्रिय
--------तस्करी का लोगो ----------
-दीपक कुमार गुप्ता-
संसू., सिकटी(अररिया): नकली बिजली का फैन ही नहीं, जानलेवा मिलावटी तेल-डालडा से भी बाजार गुलजार हैं। नकली तेल डालडा पर जोकीहाट और नकली फैन पर जोगबनी की पुलिस ने हाथ डालने का साहस दिखाया है। इधर, दुकानदारों को कहना है कि कौन असली और कौन नकली है, इसकी जानकारी नहीं होने के चलते जिसकी बिक्री से ज्यादा बचत होती है और ग्राहक लगातार मांग करते हैं, उन्हीं की आपूर्ति बाजार में की जा रही है। इस संबंध में हाथ खड़ा करते हुए प्रशासनिक सूत्रों ने कहा कि खाद्य सामग्री की जांच की कोई टीम जिले में नहीं हैं, इसलिए जन-जन के स्वास्थ के साथ नकली खाद्य पदार्थों के सौदागर बेखौफ होकर खिलवाड़ कर रहे हैं। इसके बावजूद गुरुवार को एसडीओ अररिया रोजी कुमारी के निर्देश पर जोकीहाट की पुलिस ने सरसों तेल व नेपाली रिफाइन लदा मिनी ट्रक को जब्त किया है जिसकी जांच हो रही है।
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होटलों पर है सस्ते तेल-डालडे की मांग
-दुकानदारों का कहना है कि खुदरा बाजार में मिलावटी तेल की कीमत 70 से 80 रुपये प्रति लीटर है । कम लागत में अधिक मुनाफा कमाने की चाहत में ठेले वाले से लेकर बड़े -बड़े होटलों में इसकी मांग है। कम दाम का डालडा और सरसों तेल बेचना दुकानदारों की मजबूरी है। यदि हम कम कीमत का डालडा और खाद्य तेल नहीं बेंचेंगे तो ग्राहक दूसरी दुकानों की ओर रुख करेंगे और दुकानदारी चौपट हो जाएगी। बाजार में सस्ते तेल और डालडे की आपूर्ति बंगाल और नेपाल से की जा रही है।
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मिलावटी तेल में किस केमिकल का प्रयोग किया गया है, उस केमिकल के आधार पर शरीर में होने वाली परेशानी को बताया जा सकता है। इसका सीधा प्रभाव लीवर पर पड़ता है और लीवर के मरीज एक दशक में तेजी से बढ़े हैं। भूख न लगना, भोजन न पचना, पीलिया, हैजा, डायबिटीज तथा हृदय रोग इसका मुख्य कारण है।
-- जमील अहमद, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी सिकटी
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मिलावटी खाद्य पदार्थों का धंधा करने वालों का गिरोह है। एसएसबी इनपर नजर रख रही है। भारत -नेपाल की खुली सीमा होने के चलते सौदागर माल टपा रहे हैं। ग्राहकों का इस मामले में सहयोग चाहिए। सटीक सूचना मिलने पर सीमा क्षेत्र में छापेमारी करने के लिए हम 24 घंटे तैयार हैं।
- राकेश कुमार, इंस्पेक्टर एसएसबी, 52वीं बटालियन। खाद्य सामग्री की जांच
सीमावर्ती क्षेत्र के दुकानदार सूत्रों पर गौर करें तो नेपाल और बंगाल को छोड़ भी दें तो स्थानीय स्तरों पर भी इसका निर्माण किया जा रहा है और इसकी आपूर्ति की जा रही है । ऐसे तेलों की पैकिग बड़ी जबरदस्त होती है । धंधा करने वाले खिलाड़ी इतने मजे हुए होते हैं कि पैकिग पर नाम पता भी अलग -अलग जगहों के अंकित करते हैं । * क्या कहते हैं ग्राहक *--- ग्राहको का कहना है कि कौन सामान असली है और कौन नकली , यह तो तो बेचने वालों पर निर्भर करता है । दुकानदार नकली सामान को भी असली कहकर बेच डालते हैं । लोग पैसा कमाने के चक्कर में लोगों के जीवन से खेल रहे हैं । ऐसे लोगों पर प्रशासन को सख्त से सख्त कारवाई करनी चाहिए । * कई तरह के केमिकल का करते हैं प्रयोग *-- जानकार बताते हैं कि इसके निर्माण में कई तरह के केमिकल मिले होते हैं । जो स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक है । सस्ते दर पर बिकने वाला रिफाइन व सरसों तेल कई तरह के ब्रांड और नामों से उपलब्ध है ।