मानव अपने कर्मों से जाना जाता है न कि जाति से :वीरेंद्र राम
-संत रविदास के संदेश की दी गई जानकारी, जयंती पर निकाली गई शोभायात्रा -कर्म को करते ह
-संत रविदास के संदेश की दी गई जानकारी, जयंती पर निकाली गई शोभायात्रा
-कर्म को करते हुए ईश्वर की भक्ति में रहते थे लीन
-भारी संख्या में शामिल हुए श्रद्धालु,भंडारा का आयोजन
संसू., जोगबनी(अररिया): संत रविदास विचार मंच द्वारा मंगलवार को रविदास की 642वी जयंती के अवसर पर भव्य शोभायात्रा निकाली गई। खजुरबाड़ी स्थित रविदास आश्रम से शुरू होकर मुख्य सड़क व बाजार होते हुए भारत- नेपाल सीमा से स्टेशन परिसर होते हुए निर्धारित स्थल पहुंची। इस अवसर पर प्रवचन व भंडारा का आयोजन किया गया। मौके पर रविदास जी के जीवनी पर प्रकाश डालते हुए वीरेद्र राम ने कहा कि संत रविदास का संदेश है कि मानव अपने कर्मों से जाना जाता है न कि जाति से। हमे उनके बताए मार्ग पर चलना चाहिए।
रविदास जी का जन्म गरीब परिवार में उस वक्त हुआ था जब समाज में जाति, छूआछूत एवं अंधविश्वास का बोलबाला था। संत रविदास कर्म की प्रधानता पर विश्वास करते हुए लोगों को कर्म करने की प्रेरणा देते थे। संत शिरोमणि अपने कर्म को करते हुए ईश्वर की भक्ति में लीन रहते थे। वे अंधविश्वास एवं छूआछूत के घोर विरोधी थे। उनका कहना था कि मानव -मानव सब एक हैं, फिर हमसबों में यह कैसा विभेद हैं। इस मौके पर वीरेन्द्र राम, सूर्यनारायण राम, नौशाद अली, वेचन राम एवं रविन्द्र राम सहित भारी संख्या में पुरुष व महिला अनुयायी मौजूद थे।