बच्चों का अपहरण करने वाला गिरोह नेपाल सीमा पर सक्रिय - जागरण विशेष (पेज दो की लीड)
फोटो 9एआरआर 15-काउंसलर चाइल्डलाइन ( मानव तस्करी का लोगों) -------------------------
फोटो 9एआरआर 15-काउंसलर चाइल्डलाइन ( मानव तस्करी का लोगों)
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-भारतीय सीमा में खेल रहे बच्चों को देते हैं खाने-पीने की चीजों का प्रलोभन
-ग्रामीण व एसएसबी के सहयोग मुक्त कराए गए बच्चों ने दी जानकारी
-चार वर्षों में सीमा क्षेत्र में अपररण मामले में दो गिरफ्तार, 16 बच्चे मुक्त
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-23 दिन पहले पांच बच्चे कराए गए थे मुक्त
-04 वर्ष पहले 11 बच्चों का हुआ था अपहरण
--दीपक गुप्ता---
संसू सिकटी(अररिया): अररिया जिले के सिकटी प्रखंड के सोनापुर गांव से 17 मार्च को नेपाल के दो बच्चों और तीन बच्चियों को भारत में खेलते समय मानव तस्करों ने अपहरण कर लिया था। जिन्हें एसएसबी व ग्रामीणों की सतर्कता से मक्के के खेत से मुक्त कराया गया था। इस मामले में मौके से दो तस्करों को दबोचा गया था। सभी बच्चों को बाल संरक्षण समिति के माध्यम से कोर्ट में बयान दर्ज कराने के बाद परिजनों को सौंप दिया गया है। इस मामले में बच्चों ने चाइल्डलाइन काउंसलर को अपने बयान में जानकारी दी है कि दोनों तस्करों ने केले का प्रलोभन देकर एक बच्ची को लेकर फरार होने वाले थे कि साथ में खेल रहा दूसरा बच्चा छोड़ने की जिद पर अड़ गया। इसके बाद अन्य बड़े बच्चे भी दोनों तस्करों से भिड़ गए। इसी बीच सोनापुर कैंप में तैनात एसएसबी 52वीं बटालियन के जवान और ग्रामीण पहुंच गए और दोनों तस्करों को दबोचकर मुक्त कराया है। इस संबंध में सिकटी थानाध्यक्ष उमेश कुमार कहते हैं कि मानव तस्कर भारत-नेपाल सीमा पर सक्रिय हैं। यह एक बड़ा संगठित अपराध गिरोह है। सीमा क्षेत्र में इस प्रकार के दो मामले चार वर्ष के दौरान सामने आ चुके हैं। दोनों ही प्रयासों में तस्कर असफल रहे हैं। मानव तस्करी तथा अन्य अपराधों को रोकने के लिए पुलिस प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। वहीं एसएसबी 52वीं बटालियन के डिप्टी कमांडेंट मुकेश कुमार ने बताया कि ह्यूमन ट्रैफिकिग को लेकर खुफिया तंत्र पूरी तरह अलर्ट है। हमारे जवान मानव तस्करी पर पैनी नजर रखे हुए हैं। ताजी घटना (17 मार्च 2019) से लगभग चार साल पहले 28वीं बटालियन कुआड़ी कंपनी के एसएसबी जवानों ने संदेह के आधार पर एक मानव तस्कर को कुआड़ी हनुमान मंदिर के समीप से हिरासत में लेते हुए 11 बच्चों को मुक्त कराया था। पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ के बाद खुलासा हुआ था कि इन्हें अच्छी नौकरी का झांसा देकर बांग्लादेश भेजने की तैयारी थी।
-कोट-
पिछले महीने 17 मार्च को सिकटी प्रखंड के सोनापुर बीओपी के एसएसबी जवानों ने पांच बच्चों को तस्करों के चंगुल से छुड़ाया था । मुक्त कराये गए बच्चों में तीन बालक और दो बालिकाएं थीं । सभी बच्चे 10 वर्ष से कम आयु के थे जो नेपाल के निवासी थे। नेपाल से सटी सीमा भारत में खेल रहे बच्चों को अपहरण करने का प्रयास किया गया था
-अक्षय रंजन, सदस्य बाल कल्याण संरक्षण समिति अररिया
-कोट---
फोटो 9एआरआर 15-काउंसलर चाइल्डलाइन
सभी अपहृत बच्चे सोनापुर एसएसबी बीओपी से सटे नेपाल के मोरंग जिला के गांव के थे। बच्चों को चाइल्डलाइन अररिया को सौंपा गया था। बच्चों ने बताया है कि केले का प्रलोभन देकर अपहरण करने का प्रयास दोनों तस्करों ने किया गया था। फिलहाल बाल संरक्षण समिति अररिया के माध्यम से परिजनों को बच्चों को सौंप दिया गया है।
-मनोरमा कुमारी, काउंसलर चाइल्डलाइन अररिया।