उद्यमियों के लिए मददगार साबित नहीं हुआ बियाडा
अररिया। दरभंगा इंडस्ट्रियल एरिया के अंतर्गत 1984 में फारबिसगंज में उद्योग धंधों को विकसित क
अररिया। दरभंगा इंडस्ट्रियल एरिया के अंतर्गत 1984 में फारबिसगंज में उद्योग धंधों को विकसित करने हेतु कई एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया था। छोटे और बड़े उद्योग स्थापित करने के उद्देश्य से प्रखंड कार्यालय के निकट यह जमीन अधिग्रहण की गई थी ताकि पट्टे (लीज) पर उद्यमियों को उद्योग के लिए जमीन उपलब्ध करवाई जा सके। गौरतलब है कि 80 के दशक में फारबिसगंज में विभिन्न उद्योगों का जाल सा बिछा हुआ था, लेकिन 90 के दशक से इनकी संख्या लगातार घटती चली गई। जानकार बताते हैं कि 80 के दशक में यहां 17 राइस मिल, एक पेपर मिल, दो ब्रांड आयल मिल (धान के पालिश से तेल निकालने की इकाई), माचिस फैक्ट्री, एनामेल फैक्ट्री, खाद फैक्ट्री आदि हुआ करती थी। यहां उद्योग स्थापित करने की इन्हीं संभावनाओं को देखते हुए बियाडा ( बिहार इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट ऑथारिटी) के तहत भूमि का अधिग्रहण किया गया था। हालांकि सूबे की सरकार बदली और उद्योगों की स्थिति भी बदल गई। सारे उद्योग बंद हो गए और भूमि अधिग्रहण जिस उम्मीद को लेकर किया गया था, वह बिखर कर रह गया। जानकार बताते हैं कि तब स्थिति ऐसी हो गई थी कि अनुमंडल क्षेत्र के सभी उद्योग बंद हो गए और अधिग्रहित भूमि यूं ही पड़ी रह गई। बताते हैं कि फिर बिहार में जब सत्ता में परिवर्तन हुआ और भाजपा एवं जदयू की सरकार आई तो इस सीमावर्ती क्षेत्र में उद्योगों की एक नई परि²श्य उभर कर सामने आई। धीरे- धीरे ही सही उद्योग स्थापित होने लगे। फलस्वरूप बिहार इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट ऑथारिटी (बियाडा) की भूमि पर कुछ उद्योग स्थापित होने लगे। विशेषकर स्टार्च फैक्ट्री की स्थापना ने इस क्षेत्र को नया आयाम देने का काम किया है।
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लीज जमीन लेने वाले नहीं लगा रहे हैं कारखाने जानकारों के अनुसार बियाडा की जमीन को कई ऐसे लोगों ने भी लीज ले रखी है, जिन्होंने अबतक कोई भी उद्योग नहीं बैठाया हैं। नाम नहीं छापने के शर्त पर सूत्रों ने बताया कि जब पटना से बियाडा की टीम जांच हेतु पहुंचती है तो इन लोगों के द्वारा बदले में उनकी हथेली गर्म कर दी जाती है। वहीं कुछ वास्तविक उद्यमियों को बियाडा की जमीन पर उनके मनोनुकूल स्थल पर लीज पर भूमि नहीं उपलब्ध नहीं कराई जा रही है। -कोट-
फारबिसगंज बियाड़ा का मुख्यालय भागलपुर में है। वहां से भूमि का आवंटन होता है। पशु आहार और पानी की फैक्ट्री रन कर रही है। बिस्कुट की फैक्ट्री लग गई है। एमआइटी का इंस्टीच्यूट भी वहां पर है। जिले में 10 करोड़ रुपये की लागत तक का उद्योग लगाने पर सरकार ब्याज दर में 10 फीसद अनुदान दे रही है। एसएसएसटी और महिलाओं को साढ़े 11 फीसद अनुदान देने का प्रावधान है। -अनिल मंडल, महाप्रबंधक
जिला उद्योग केंद्र, अररिया।