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बजाज के पुराने स्कूटर्स में दिया जाता था ये छोटा सा स्विच, क्या आप जानते हैं इसका इस्तेमाल

बजाज के इन आइकॉनिक स्कूटर्स में एक ऐसा फीचर दिया जाता था जिसके बारे में ज्यादातर लोग नहीं जानते होंगे। दरअसल ये फीचर अपने समय से काफी आगे की तकनीक थी जो आज तक बजाज की मोटरसाइकिल्स में इस्तेमाल की जाती है।

By Vineet SinghEdited By: Published: Sat, 29 May 2021 04:35 PM (IST)Updated: Sat, 29 May 2021 04:35 PM (IST)
बजाज के पुराने स्कूटर्स में दिया जाता था ये छोटा सा स्विच

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। बजाज ने दो दशकों से भी भारत में अपना चेतक स्कूटर लॉन्च किया था जो कुछ ही समय में काफी पॉपुलर हो गया था। बजाज चेतक एक पावरफुल स्कूटर था जिसे काफी पसंद किया गया था। हालांकि अब मार्केट में ये स्कूटर पूरी तरह से बंद हो चुका है जिसकी जगह अब बजाज चेतक इलेक्ट्रिक स्कूटर ने ले ली है। आपको बता दें कि बजाज के इन आइकॉनिक स्कूटर्स में एक ऐसा फीचर दिया जाता था जिसके बारे में ज्यादातर लोग नहीं जानते होंगे। दरअसल ये फीचर अपने समय से काफी आगे की तकनीक थी जो आज तक बजाज की मोटरसाइकिल्स में इस्तेमाल की जाती है, और आज इस खबर में हम आपको बजाज चेतक स्कूटर के उसी बेहतरीन फीचर के बारे में बताने जा रहे है।

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किल स्विच

बजाज चेतक के पुराने स्कूटर्स में हैंडलबार के दाईं तरफ वाले कंसोल में एक छोटा सा बटन दिया जाता था जो पीले रंग का होता था। कई बार लोग स्कूटर खरीदने के बाद भी इस बटन का इस्तेमाल नहीं जान पाते थे। दरअसल में ये एक किल स्विच होता था, इसके इस्तेमाल से स्कूटर को ऑफ किया जा सकता था। दरअसल उस समय स्कूटर्स को की से सिर्फ लॉक किया जाता था लेकिन इससे स्टार्ट स्कूटर को बंद नहीं किया जा सकता था और इसीलिए स्कूटर में ये किल स्विच ऑफर किया जाता था। हालांकि किनारे दिए जाने की वजह से लोगों का ध्यान इसपर नहीं जाता था। फीचर बेहद ही जरूरी हुआ करता था।

बजाज की बाइक्स में आज भी मौजूद है ये फीचर

बजाज की पल्सर रेंज की सभी मोटरसाइकिल्स में कील स्विच ऑफर किया जाता है लेकिन ये थोड़ा सा बदल गया है। दरअसल पुराने किल स्विच की मदद से बाइक को सिर्फ ऑफ किया जा सकता था जो एकबार होता था लेकिन आज की मोटरसिकिल्स में मिलने वाले किल स्विच की मदद से बाइक को सुरक्षित रखा जा सकता है और इसे बंद कर देने पर बाइक को दोबारा स्टार्ट नहीं किया जा सकता है। इससे मोटरसाइकिल काफी सुरक्षित भी हो जाती है। ये एक ऐसी तकनीक थी जो दशकों से भी वैसी है और आज भी इसका इस्तेमाल किया जा रहा है।  


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