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Car के टायर्स में साधारण हवा की बजाय Nitrogen Gas भरवाने के फायदों को यहां जानें

हम आपको टायर्स (Tyres) में साधारण हवा की बजाय नाइट्रोजन गैस (Nitrogen Gas) भरवाने के फायदों और नुकसाने के बारे में बता रहे हैं।

By Sajan ChauhanEdited By: Published: Wed, 17 Jul 2019 05:56 PM (IST)Updated: Thu, 18 Jul 2019 08:34 AM (IST)
Car के टायर्स में साधारण हवा की बजाय Nitrogen Gas भरवाने के फायदों को यहां जानें
Car के टायर्स में साधारण हवा की बजाय Nitrogen Gas भरवाने के फायदों को यहां जानें

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। जिस प्रकार से किसी कार में इंजन और उसकी बॉडी जरूरी होती है उसी तरह से उसके टायर की भूमिका अहम होती है। टायर के दम पर ही कोई कार एक जगह से दूसरी जगह पहुंचती है। कार के लिए टायर जरूरी हैं तो जाहिर सी बात है टायर का खास ख्याल रखा जाना बहुत ज्यादा जरूरी है, क्योंकि ऐसा न करने पर कार चालक को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। आज हम आपको टायर में साधारण हवा भरवाने और नाइट्रोजन गैस भरवाने के फायदों और नुकसाने के बारे में बता रहे हैं।

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कई बार मैकेनिक भी टायर्स का खास ख्याल रखने के लिए उनमें साधारण हवा की बजाय नाइट्रोजन गैस (Nitrogen Gas) भरवाने की सलाह देते हैं। आपने कई फ्यूल पंप पर भी लिखा देखा होगा कि यहां से टायर्स में नाइट्रोजन गैस भरवाएं। आमतौर पर फ्यूल पंप और गैराज वाले नाइट्रोजन गैस भरवाने के फायदे ठीक प्रकार से नहीं बता पाते हैं, लेकिन अब आपको इसके लिए ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है। आज हम आपको यहां इसकी पूरी तरह से जानकारी देंगे।

एक्सपर्ट का कहना है कि नाइट्रोजन गैस टायर्स को गर्मियों के मौसम में साधारण हवा के मुकाबले अधिक ठंडा रखती है। नाइट्रोजन गैस वातावरण में 78 फीसद, ऑक्सीजन 21 फीसद और कार्बन डाइ ऑक्साइड और अन्य नोबल गैस 1 फीसद हैं। सभी गैस गर्मियों में फैल जाती हैं और सर्दियों में एकत्रित हो जाती हैं। इस प्रकार से ये गैस टायर के अंदर भी कुछ इसी प्रकार से फैलती और सिकुड़ती हैं। गैस के परिवर्तन से टायर पर कभी ज्यादा तो कम प्रेशर होने लगता है।

टायर्स में समय-समय पर हवा के प्रेशक को चेक करवाते रहना चाहिए, क्योंकि दबाव कम या ज्यादा होने की वजह से टायर या ट्यूब फटने का खतरा बना रहता है। साधारण हवा आर्द्रता की वजह से फैलती है, जिससे टायर को नुकसान होता है और इसमें मौजूद वेपर टायर पर अधिक प्रेशर डालते हैं। इससे टायर के रिम पर भी गलत प्रभाव हो सकता है।

नाइट्रोजन की बात की जाए तो यह टायर रबर का बना होने की वजह से उसमें कम फैलती है, जिससे टायर में प्रेशर ज्यादा नहीं हो पाता है। नाइट्रोजन भरते वक्त इससे टायर के भीतर ऑक्सीजन डाल्यूट होते हैं, जिससे ऑक्सीजन में मौजूद पानी खत्म हो जाता है और रिम भी सेफ रहते हैं। सामान्य तौर पर टायर्स में नाइट्रोजन गैस भरवाने के लिए 50-100 रुपये लगते हैं तो साधारण हवा के लिए 5-10 रुपये लगते हैं।

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