क्या है गाड़ियों के सेफ्टी स्टैंडर्ड के लिए शुरू की गई Bharat NCAP रेटिंग? आसान शब्दो में समझें पूरी प्रक्रिया
हाल ही में गाड़ियों के सेफ्टी फीचर्स को मापने के लिए भारत NCAP रेटिंग को हरी झंडी मिल चुकी है। लेकिन बहुत से लोगों को अब तक नहीं पता कि भारत NCAP रेटिंग क्या है और यह क्यों दी जाती है। इसलिए इसकी पूरी जानकारी के लिए नीचे देखें।
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। शुक्रवार को परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने वाहनों द्वारा दी जाने वाली सेफ्टी फीचर्स रेटिंग लिए भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (Bharat NCAP) को मंजूरी दी है। इसके तहत भारत में बेची जाने वाली गाड़ियों को उनके द्वारा दी जाने वाली सुरक्षा के आधार पर देश में ही रेटिंग दी जाएगी। पर ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर ये Bharat NCAP रेटिंग है क्या और इससे गाड़ियों के सेफ्टी फीचर्स को कैसे मापा जाएगा। तो चलिए आज हम आपको इसके बारे में विस्तार से बताते है।
क्या होती है BNCAP रेटिंग?
किसी भी गाड़ी में उसके परफॉर्मेंस के अलावा उसमें दिए जाने वाले सुरक्षा मानक सबसे महत्वपूर्ण कारकों में एक होते है। कम वाहन सुरक्षा मानकों वाली गाड़ियों से दुर्घटना होने पर नुकसान का ज्यादा खतरा बना रहता है, इसलिए सभी नई गाड़ियों को सुरक्षा के न्यूनतम मानक को पूरा करना होता है। इसके लिए विदेशो में न्यू कार असिस्टेंस प्रोग्राम (NCAP) शुरू किए गए हैं। पहले भारत में बनी कारों को सेफ्टी रेटिंग लेने के लिए विदेशो में भेजा जाता था, लेकिन अब BNCAP की मदद से देश में ही सेफ्टी स्टैंडर्ड टेस्ट के द्वारा इस रेटिंग को हासिल किया जा सकता है। BNCAP रेटिंग एजेंसी के अलावा दुनिया भर में ग्लोबल NCAP, यूरो NCAP और ASEAN NCAP जैसी कई टेस्ट एजेंसियां भी है।
कैसे दी जाएगी रेटिंग?
जानकारी के मुताबिक BNCAP सेफ्टी रेटिंग काफी हद तक ग्लोबल NCAP रेटिंग के समान है। इसमें कारों को रेटिंग देने के लिए उन्हे एक क्रैश टेस्ट प्रोग्राम (Crash Test Program) से गुजरना पड़ता है। इस टेस्ट के आधार पर कारों को 1 से लेकर 5 तक की स्टार रेटिंग दी जाती है। टेस्ट में कार की संरचनात्मक सुरक्षा, वयस्क लोगों की सुरक्षा, बच्चे की सुरक्षा जैसे विभिन्न पहचाने गए मानकों के आधार पर टेस्टिंग की जाती है। इस तरह ग्राहक स्टार रेटिंग के आधार पर सबसे सुरक्षित कार का विकल्प चुन सकेंगे।
अच्छी रेटिंग के लिए इन फीचर्स का होना है जरूरी
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नोटिफिकेशन में कहा गया है कि 1 जुलाई, 2019 या उसके बाद बने अधिकतम 8 सीटों वाले पैसेंजर वाहनों के लिए निर्धारित किए गए अतिरिक्त सुरक्षा सुविधाओं का होना बेहद जरूरी है। सेफ्टी फीचर्स के तौर पर सभी नए वाहनों के लिए कम से कम छह एयरबैग होना अनिवार्य कर दिया गया है। साथ ही तीनों पंक्तियों में यात्रियों के लिए साइड कर्टेन एयरबैग के साथ फ्रंट दो एयरबैग होना जरूरी है। अन्य सुरक्षा सुविधाओं में पीछे की बीच वाली सीट के लिए थ्री प्वाइंट सीट बेल्ट और ऑटोमैटिक इमरजेंसी ब्रेकिंग सिस्टम (AEBS) को भी शामिल किया गया है।
आपको बता दें कि गडकरी भारत NCAP द्वारा देश को दुनिया में नंबर 1 ऑटोमोबाइल हब बनाना चाहते हैं। उनके मुताबिक, भारत NCAP के लागू होने से हमारा ऑटोमोबाइल उद्योग कारों के सुरक्षा मानकों में आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण साधन साबित होगा।