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1 सितंबर से अनिवार्य हुआ नई कार और टू-व्हीलर्स के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में ज्यादातर लोगों की जान जा रही है

By Ankit DubeyEdited By: Published: Mon, 30 Jul 2018 12:31 PM (IST)Updated: Tue, 31 Jul 2018 07:30 AM (IST)
1 सितंबर से अनिवार्य हुआ नई कार और टू-व्हीलर्स के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस
1 सितंबर से अनिवार्य हुआ नई कार और टू-व्हीलर्स के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस

नई दिल्ली (ऑटो डेस्क)। बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं के मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि नए वाहनों के रजिस्ट्रेशन के समय थर्ड पार्टी इंश्योरेंस अनिवार्य होगा। सुप्रीम कोर्ड ने कहा कि एक सितंबर से नए चार पहिया वाहनों का रजिस्ट्रेशन कराते समय तीन सालों के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कराना अनिवार्य हो गया है।

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में ज्यादातर लोगों की जान जा रही है। इंश्योरेंस कंपनी को कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा, "सड़क दुर्घटना में हर साल एक लाख से ज्यादा लोगों की मृत्यु हो रही है। औसतन हर तीन मिनट में एक की मृत्यु हो रही है, लोग मर रहे हैं और आप कह रहे हैं उन्हें मरने दिया जाए। आप उन लोगों को देखिए वह सड़क दुर्घटना में मर रहे हैं, उनके लिए कुछ करिए। अगर उनके पास पैसे नहीं है तो आप आठ महीने का वक्त मांग रहे हैं, किसी भी कीमत पर आपको आठ महीने का समय नहीं दिया जा सकता।"

शीर्ष न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश के. एस राधाकृष्णन की अध्यक्षता वाली कमिटी ने यह सिफारिश की है कि दो पहिया या चार पहिया वाहनों की बिक्री के वक्त थर्ड पार्टी इंश्योरेंस (बीमा) को एक साल की बजाय क्रमश: पांच साल और तीन साल के लिए अनिवार्य किया जाए।

कमिटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि देश की सड़कों पर चल रहे 18 करोड़ वाहनों में सिर्फ छह करोड़ के पास ही थर्ड पार्टी बीमा है। सड़क हादसों के पीड़ितों या मृतकों को मुआवजा नहीं मिल रहा है क्योंकि वाहनों को थर्ड पार्टी कवर नहीं है। पीठ ने कहा कि थर्ड पार्टी बीमा को चार पहिया वाहनों के लिए तीन साल की अवधि के लिए और दो पहिया वाहनों के लिए पांच साल के लिए अनिवार्य किया जाना चाहिए। न्यायालय ने कहा कि थर्ड पार्टी बीमा को अनिवार्य बनाना होगा।

पीठ ने कहा कि, ''इस पर मानवीय नजरिए से देखा जाए, ना कि व्यवसायिक हितों के दृष्टिकोण से। इसे दो-तीन हफ्तों के तार्किक समय के अंदर करें। भारत के उन लोगों को देखिए जो सड़क दुर्घटनाओं में मर रहे हैं। लोगों को मुआवजा नहीं मिल पा रहा है क्योंकि बीमा कंपनियां काफी वक्त लगा रही हैं। आप इसे चार हफ्तों के अंदर करिए। आप आठ महीने नहीं ले सकते।'' शीर्ष न्यायालय ने इरडा को इस मुद्दे पर एक सितंबर से पहले फैसला लेने को कहा।

इंश्योरेंस कंपनी ने क्या कहा?

फ्यूचर जनरली इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ, के.जी. कृष्णामूर्ति राव ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट के हाल ही में लिए गए फैसले में हर नई कार के लिए तीन साल का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कवर और हर नए टू-व्हीलर के लिए पांच साल का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कवर का हम स्वागत करते हैं। अभी तक कई कारों और टू-व्हीलर्स के लिए अनिवार्य रूप से थर्ड पार्टी इंश्योरेस ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं था, जिसके चलते वाहनों की दुर्घटना होने पर आम आदमी को पर्याप्त मुआवजा नहीं मिल पाता था।"

राव ने कहा, "इंश्योरेंस इंडस्ट्री के सामने सबसे बड़ी चुनौती सुप्रीम कोर्ट के एक सितंबर के आदेश को लागू करने की  है जो पॉलिसी की प्रक्रिया और उसकी कीमतों को लेकर है। पॉलिसी की कीमतों और उसकी प्रक्रिया को रेगुलेटर की तरफ से मंजूरी दिया जाएगा और इसके लिए कंपनियों के लिए आईटी सिस्टम में जरूरी बदलाव करने होंगे।"

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