2023 तक भारत में कारों के लिए अनिवार्य हो जाएंगे ये सेफ्टी फीचर्स
भारत में 2023 से कारों में इलेक्ट्रॉनिक स्टैबिलिटी कंट्रोल और ऑटोनोमस इमरजेंसी ब्रेकिंग जैसे सेफ्टी फीचर्स जरूरी हो सकते हैं।
नई दिल्ली (ऑटो डेस्क)। इस महीने की शुरुआत में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि सरकार 2022 तक कारों में ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम अनिवार्य करने की योजना बना रही है। तब यह नहीं पता था कि कौन से फीचर्स अनिवार्य किए जाएंगे। अब मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाइवे के ज्वाइंट सेक्रेटरी अभय दामले ने बताया कि 2023 तक नए व्हीकल्स में इलेक्ट्रोनिक स्टैबिलिटी कंट्रोल (ESC) और ऑटोनोमस इमरजेंसी ब्रेकिंग (AEB) जैसे फीचर्स जरूरी हो जाएंगे।
कैसे काम करते हैं ये फीचर्स
ये दोनों सेफ्टी सिस्टम टक्कर को रोकने में मदद करते हैं। अलग-अलग परिस्थितियों में AEB और ESC दोनों में ऑटोमैटिक ब्रेक लग जाते हैं। AEB में ब्रेक तब लगते हैं जब कार को 65 किमी प्रति घंटे की स्पीड तक आगे से टक्कर लगने की संभावना लगती है। वहीं ESC का काम घुमावदार रास्तों पर या मोड़ पर कार का कंट्रोल खोने पर शुरू होता है। अगर कार को मोड़ते समय ट्रैक्शन कम होता है तो यह ऑटोमैटिक ब्रेक लगा देता है।
भारत में AEB फीचर वाली सबसे सस्ती कार वोल्वो XC40 है, जिसकी कीमत 40 लाख रुपये से शुरू होती है। इसमें AEB स्टैंडर्ड तौर पर मिलता है। भारत में कारों में इस सेफ्टी सिस्टम का ज्यादा इस्तेमाल नहीं किया जाता है, लेकिन इंटरनेशनल मार्केट में बिकने वाली अधिकतर कारों में यह सिस्टम होता है। भारत में बनाकर इंग्लैंड में एक्सपोर्ट की जाने वाली बलेनो में राडार ब्रेक सपोर्ट फीचर लगा है।
यह टक्कर होने की स्थिति में ऑटोमैटिक ब्रेक अप्लाई कर देता है। इसके अलावा AEB सिस्टम वाली बलेनो की कीमत स्टैंडर्ड वर्जन से लगभग 1 लाख रुपये ज्यादा है। माना जा रहा है कि भारत में अगर कारों में यह फीचर दिया जाता है तो इसकी कीमत में लगभग 50 हजार रुपये की बढ़ोतरी हो सकती है।
फोर्ड की कारों में मिलता है ESC
वहीं फोर्ड एकमात्र कंपनी है जो अपनी सभी कारों में ESC सिस्टम दे रही है। फोर्ड फ्रीस्टाइल के टाइटैनियम वेरिएंट में ESC और दूसरे सेफ्टी फीचर्स दिए गए हैं और इसकी कीमत ट्रेंड वेरिएंट से लगभग 49 हजार रुपये ज्यादा है। इस हिसाब से देखा जाए तो नई कारों में ESC सिस्टम लगाने की लागत बहुत ज्यादा नहीं आएगी और ग्राहकों पर इसका बहुत असर नहीं पड़ेगा।
माना जा रहा है कि अगर कार कंपनियां इन दोनों फीचर्स को अपनी गाड़ियों में लगाती हैं तो 2022 में कारों की कीमत में लगभग 60 हजार रुपये की बढ़ोतरी हो सकती है। हालांकि, ये फीचर्स लोगों की जान बचा सकते हैं और जान की कोई कीमत नहीं होती।