ये कंपनियां अपने ड्राइवर को करने जा रही मालामाल, इतनी राइड्स पूरी करने पर मिलेंगे 7 लाख रुपये
उबर (Uber) और लिफ्ट (Lyft) ने अपने ड्राइवरों को लेकर ऐसी योजना बनाई है जिससे इनके ड्रावर्स को भी कंपनी में मालिकाना हक मिल सकता है
नई दिल्ली (ऑटो डेस्क)। टैक्सी एग्रीगेटर कंपनियां उबर और लिफ्ट इस साल अमेरिकी शेयर बाजार में लिस्ट होने जा रही हैं, जिसके चलते इसके संस्थापक, शीर्ष अधिकारी और निवेशकों को करोड़ो डॉलर मिलेंगे। हालांकि, इन कंपनियों को टॉप पर पहुंचाने वाले ड्राइवर इससे अछूते रह जाएंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि इन कंपनियों के बहुत सारे फुल टाइम कर्मचारियों के पास तो स्टॉक का विक्लप हैं जिन्हें वे आईपीओ में इस्तेमाल कर सकते हैं। वहीं, कंपनी के पास मौजूद लाखों ड्राइवर स्वतंत्र कॉन्ट्रैक्टर के तौर पर कंपनी के जुड़े हुए हैं और वे स्टॉक विकल्प के हकदार भी नहीं है।
कैब ड्राइवरों को मिलेगा यह तोहफा
हालांकि, उबर (Uber) और लिफ्ट (Lyft) ने अपने ड्राइवरों को लेकर ऐसी योजना बनाई है जिससे इनके ड्रावर्स को भी कंपनी में मालिकाना हक मिल सकता है। वॉलस्ट्रीट जर्नल की खबर के अनुसार दोनों कंपनियां अपने पुराने ड्राइवरों को नकद पैसे देगी ताकि उन पैसों का इस्तेमाल वे स्टॉक खरीदते के लिए आईपीओ के समय कर सकें। उबर और लिफ्ट के इस कदम को लेकर सिलिकॉन वैली में स्वागत किया जा रहा है, लेकिन इनके ड्राइवर्स वेतन बढ़ाने की मांग कर रहे हैं ताकि वे खुद अच्छी कंपनियों के स्टॉक खरीद सकें।
IPO में उबर की वैलुएशन करीब 120 अरब डॉलर
न्यूयॉर्क टैक्सी वर्कर्स एलायंस के कार्यकारी निदेशन (ED) भैरवी देसाई का कहना है कि कंपनियां इन ड्रावर्स की मेहनत के बदल पर ही खड़ी हुई है और इन्हें छोटी सी रकम देना थप्पड़ मारने के बराबर है। इन ड्राइवर्स को स्टॉक में पैसा कमाने का वैसा मौका नहीं मिलेगा जैसा कि दूसरे ड्राइवरों को मिलेगा। उबर और लिफ्ट के आईपीओ से सिलिकॉन वैली में अरबपतियों का एक नया वर्ग तैयार होगा। उबर की वैलुएशन आईपीओ में करीब 120 अरब डॉलर (8.5 करोड़ रुपये) आके जाने का अनुमान है।
20,000 राइड्स पूरी करने पर मिलेंगे 7 लाख रुपये
लिफ्ट ने अपने ड्राइवर्स को खुश करने के लिए एक खास स्कीम निकाली है जिसमें 10,000 राइड्स पूरी करने वाले ड्राइवर्स को एक हजार डॉलर (करीब 70,000 रुपये) और 20,000 राइड्स पूरी करने वालों को 10,000 डॉलर (करीब 7 लाख रुपये) देने की योजना बनाई है। बता दें उबर भी इसी तरह की योजना पर काम रही है, ताकि जो ड्राइवर आईपीओ में हिस्सा नहीं लेना चाहते वो नकद राशि को बोनस के रूप में रख सकते हैं।
जानें क्या है उबर ड्राइवरों की मांग?
उबर ड्राइवर लंबे समय से खुद को फुल टाइम कर्मचारी के तौर पर जोड़े जाने की मांग कर रहे हैं, ताकि उन्हें हेल्थकेयर और भत्तों का लाभ मिल सके। हालांकि, कंपनी इसे हमेशा नकारती रही है। इसके बावजूद उबर ने डेढ़ साल में ड्राइवरों के साथ संबंध बेहतर बनाने की कोशिश की है। 2017 में पहली बार टिप्स स्वीकार करने की अनुमति देने के बाद अक्टूबर में उबर ने एसईसी से कर्मचारी ना होने के बावजूद ड्राइवरों को शेयर देने की अनुमति मांगी थी, लेकिन इसका एसईसी ने कोई जवाब नहीं दिया।
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