Republic Day 2021: ये दमदार वाहन बढ़ाते हैं भारतीय सेना की शान, गश्त लगाने से लेकर युद्ध तक में आते हैं काम
Republic Day 2021 आज 26 जनवरी को पूरा देश गणतंत्र दिवस मना रहा है। लेकिन जिस वक्त हम अपने घरों में सुरक्षित बैठे होते हैं उस वक्त भारतीय सेना के वाहन ही हैं जो मुश्किल में उनके काम आत हैं। एक नज़र डालते आर्मी के पास मौजूद दमदार वाहनों पर।
नई दिल्ली,ऑटो डेस्क। आज यानी 26 जनवरी को पूरा देश 72वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। राजपथ पर देश के जवानों द्वारा दिखाए जाने वाले हैरतअंगेज़ कारनामों को हर कोई आज सलाम कर रहा है उनके शौर्य का लोहा मान रहा है। लेकिन हम और आप तो सिर्फ अपने घरों में बैठकर सेना की तारीफ करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि जब भारत के जवान हमें महफूज़ रखने के लिए सीमाओं पर देश की रक्षा में तैनात रहते हैं तो इन जवानों का बॉर्डर पर सच्चा साथी कौन होता है। जो जवानों को गश्त लगाने से लेकर युद्ध के मैदान तक उनका साथ नहीं छोड़ता, हथियार के अलावा जवानों के ये साथी उनके खास वाहन होते हैं। खास फीचर्स से लैस ये वाहन न सिर्फ आर्मी की शान को बढ़ाते हैं बल्कि मुश्किल समय, पथरीले रास्तों पर भी डटे रहते हैं। तो चलिए गणतंत्र दिवस के खास मौके पर आपको रूबरू कराते हैं सेना की खास कारों से।
टाटा मर्लिन और विलीस जीप : टाटा की मर्लिन को खास तौर पर इंडियन आर्मी के लिए तैयार किया गया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें Merlin और TATA Safari Storme कंपनी की बेहतरीन आर्मी व्हीकल्स में से एक हैं। सुरक्षा के लिए Merlin LSV में 7.6 मिलीमीटर का मशीन गन और 40 मिलीमीटर का ऑटोमैटिक ग्रैनेड लॉन्चर इंस्टॉल्ड किया गया है। इसमें STANAG 4569 Level-1 प्रोटेक्शन दिया गया है। NATO स्टैंडर्ड्स के हिसाब से यह सबसे ज़्यादा सुरक्षित आर्मी व्हीकल है। वहीं विलीस जीप की बात करें तो युद्ध के दौरान विलीस जीप हमेशा से भारतीय सेना की अहम साथी बनी रही है। इस कार का इस्तेमाल अधिक ऊंचाई वाले और ठंडे इलाकों में सबसे ज्यादा होता था। युद्ध की गतिविधि वाले इलाकों में यह वहान सेना का अहम ट्रांसपोर्ट बन जाता है।
अशोक लेलैंड स्टैलियन एमके थर्ड/फोर्थ और टाटा सूमो: देश की जानी-मानी वाहन निर्माता कंपनी अशोक लेलैंड के भारतीय सेना के पास मौजूद इन ट्रकों की संख्या करीब 60,000 है। इनके दमखम की बात की जाए तो एक ट्रक में अधिकतम 5 टन वजन लोड किया जा सकता है। सेना के सामान ढोने के लिए वह एक पोस्ट से दूसरे पोस्ट पर आवाजाही के लिए सबसे अच्छा वाहन है। सेना ने साल 2010 से इसे अपने दस्ते का हिस्सा बनाया था। ये ट्रक रेतीली सड़कों से लेकर बर्फीले रास्तों तक और नीची जगहों से लेकर ऊंची जगहों तक पर आसानी से दौड़ाए जा सकते हैं। वहीं टाटा सूमो सबसे ज्यादा आपातकाल स्थिति में सेना का साथ निभाती है। सालों से सेना के बेड़े में शामिल यह कार पथरीले और पहाड़ी रास्तों पर चलने में माहिर है। सेना की मेडिकल टीम इस गाड़ी पर सबसे ज्यादा भरोसा करती है। जरूरत पड़ने पर सेना की टुकड़ी को युद्ध के मैदान तक पहुंचाने का काम भी सूमो करती है।
महिंद्रा मार्क्समैन और मारुति जिप्सी: स्वदेशी वाहन निर्माता कंपनी महिंद्रा आर्म फोर्सेस के लिए मार्क्समैन कार बनाती है। इस कार का इस्तेमाल काउंटर टेररिस्ट ऑपरेशन में किया जाता है। इसमें 2.6 लीटर का टर्बोचार्ज्ड डीजल इंजन फिट किया गया है। इसमें 6 लोगों की जगह होती है। इसकी स्पीड 120 kmph की है। यह देश की हाईटेक आर्म्ड व्हीकल्स में से एक है। भारतीय सेना ज्यादा तर इसका इस्तेमाल जम्मू-कश्मीर में करती है। वहीं मारुति की तरफ से जिप्सी को भारतीय सेना की कारों की लिस्ट में शामिल किया गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक मौजूदा वक्त में सेना के पास 31 हज़ार से ज्यादा संख्या में जिप्सी मौजूद हैं। इस एसयूवी में 500 किलोग्राम लोडिंग क्षमता है और यह आसानी से कहीं भी ले जा सकते हैं। इसे आर्मी की पसंद बनाते हैं। 1298cc का पेट्रोल इंजन दिया गया है, जो 80Bhp का पावर और 103Nm टॉर्क जनरेट करता है।