निसान का 2022 तक हर साल 10 लाख EV बेचने का लक्ष्य, VW 2019 में उतारेगी 9 नए इलेक्ट्रिक वहान
निसान 2022 तक अपने इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री हर साल 10 लाख यूनिट्स बेचने का लक्ष्य रखा है। वहीं, फॉक्सवैगन 2019 तक 9 नई इलेक्ट्रिक कार लॉन्च करने जा रही है
नई दिल्ली (ऑटो डेस्क)। निसान ने अपने 2022 तक दुनियाभर में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री की योजनाओं का खुलासा किया है। निसान ने लक्ष्य रखा है कि वह 2022 तक दुनियाभर में हर साल 10 लाख इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) की बिक्री करेगी। कार निर्माता कंपनी निसान कुल इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में 40 फीसद हिस्सेदारी बनाना चाहता है और 2025 तक 50 फीसद। इसके लिए कंपनी अपनी रेंज को बढ़ाने के लिए प्लग इन मॉडल्स और 8 नए इलेक्ट्रि वेरिएंट को लॉन्च करेगी।
कंपनी का पहला मॉडल सेकंड़ जनरेशन लीफ इलेक्ट्रिक वेरिएंट का क्रॉसओवर वर्जन हो सकता है। इसे कंपनी ने 2017 में IMx कॉन्सेप्ट के तौर पर पेश किया था। यह कार एक बार फुल चार्ज होने पर 600 किलोमीटर का सफर तय करेगी और कंपनी इसमें डुअल इलेक्ट्रिक मोटर्स देगी जो 320 kW की पावर और 700 Nm का टॉर्क जनरेट करेगी।
निसान ने अपनी लाइन-अप को 2021 से फुली इलेक्ट्रिफाई करने जा रही है और 2025 तक इस सेगमेंट में हिस्सेदारी आधी करने की योजना बना रही है। इसके अलावा निसान की रणनीति का दूसरा पहलू है कि वह प्रोपायलट से सुज्जित मॉडल्स 2022 तक सालाना 10 लाख यूनिट्स बेचेगी। ऑटोनॉमस टेक्नोलॉजी पर निसान काफी तेजी से काम कर रही है और वह अपनी पहली AI टेक्नोलॉजी से लैस ड्राइवरलेस कार को पायलट टेस्ट के लिए साल भर में जापान की सड़कों पर उतारेगी।
फॉक्सवैगन (VW) अगले 2019 तक उतारेगी 9 नई इलेक्ट्रिक कारें:
फॉक्सवैगन भी भविष्य में अपनी ई-मोबिलिटी पर काफी तेजी से काम कर रहा है। कंपनी ने घोषणा कर दी है कि 2022 के अंत तक 16 जगह अपनी बैटरी से चलने वाले वाहनों को लॉन्च करेगी। फॉक्सवैगन ग्रुप एजी के सीईओ, मिथियास मुल्लेर ने बर्लिन में समूह का वार्षिक मीडिया सम्मेलन में घोषणा की थी कि कंपनी इस वक्त तीन जगह इलेक्ट्रिक कारों का उत्पादन कर रही है और अगले दो वर्षों में अगले नौ प्लांट ग्रुप को इस उद्देश्य के लिए सुसज्जित किया जाएगा। यानी 2018 तक 9 इलेक्ट्रिक कारों को उतारा जाएगा।
पर्यावरण के अनुकूल इलेक्ट्रिक वाहनों के बड़े पैमाने पर विस्तार के लिए पर्याप्त बैटरी क्षमता सुनिश्चित करने के लिए यूरोप और चीन के लिए बैटरी निर्माताओं के साथ भागीदारी पहले ही सहमत हो गई है। इस भागीदारी में पहले से ही करीब 20 बिलियन यूरो का निवेश किया जा रहा है।