गाड़ियों पर GST घटाने की मांग पर क्या रहा सरकार का फैसला?
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कई बड़े फैसले लिए लेकिन GST घटाने को लेकर सरकार की तरफ से कोई भी फैसला नहीं लिया गया
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। इस साल की शुरुआत से ही ऑटो सेक्टर में लगातार गिरावट देखी जा रही है। इस बीच पेट्रोल और डीजल की गाड़ियों पर GST घटाने की मांग भी कई जगह सुनने को मिल रही थीं। ऐसे में अटकलें लगाई जा रहीं थी कि भारत सरकार गाड़ियों पर GST की दरों को घटा सकती है। हालांकि, इन सभी अटकलों पर से पर्दा तब हट गया, जब ऑटो इंडस्ट्री को लेकर वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitaraman) ने कई बड़े फैसले लिए, लेकिन GST घटाने को लेकर सरकार की तरफ से कोई भी फैसला नहीं लिया गया।
मोदी सरकार ने सरकारी विभागों के गाड़ी खरीदने पर से प्रतिबंध हटा दिया है। अब ये सभी विभाग गाड़ियों की खरीदारी कर सकते हैं। इसके अलावा सरकार ने BS-4 इंजन वाले वाहनों की रजिस्ट्रेशन को पूरी अवधि के लिए मान्य कर दिया है। दरअसल अभी तक माना जा रहा था कि 2020 के बाद BS-4 इंजन वाले वाहनों को चलाना गैरकानूनी हो जाएगा। बता दें कि 1 अप्रैल 2020 से केवल BS-6 इंजन वाले वाहनों की बिक्री होगी।
सरकार रजिस्ट्रेशन फीस को बढ़ाने वाले प्रस्तावों को वापस लेगी, जिससे ग्राहकों को बड़ी राहत मिलेगी। इसके अलावा सरकार सभी वाहनों पर 15 फीसद डिप्रिशिएशन को बढ़ाकर 30 फीसद तक करेगी।
इससे पहले सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफेक्चरर्स (SIAM) के मुताबिक जुलाई 2019 में पैसेंजर वाहनों की बिक्री में 35 फीसद की गिरावट दर्ज की गई है। जुलाई 2019 में ऑटो सेक्टर में 18 फीसद की गिरावट आई है। इसका सबसे ज्यादा असर पैसेंजर सेगमेंट पर पड़ा है, जहां बिक्री का आंकड़ा 35 फीसद गिर गया है। वहीं, कॉमर्शियल वाहनों की बिक्री में 25 फीसद की गिरावट दर्ज की गई है।
SIAM के डायरेक्टर जनरल विष्णु माथुर के मुताबिक ऑटो सेक्टर बीते 19 सालों में सबसे ज्यादा खराब दौर से गुजर रहा है। विष्णु ने पत्रकारों से कहा था कि ऐसी क्राइसिस दिसंबर 2000 में देखी गई थी। SIAM के डाटा के मुताबिक ऑटो सेक्टर में जारी गिरावट का असर डिलरशिप्स पर देखने को मिल रहा है, जहां 300 डिलरशिप्स बंद हो चुके हैं। वहीं, कई कंपनियों ने अपने कर्मचारियों की छटनी भी की है।