Maruti Suzuki ने पेट्रोल कार से किया तौबा, अगले 5 से 7 साल में सभी गाड़ियां होंगी हाइब्रिड
मारुति इंडिया का कहना है कि बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन सीएनजी कारें और एथेनॉल और बायो-सीएनजी से चलने वाले इंजनों पर अधिक फोकस को भी आगे बढ़ने के लिए प्राथमिकता दी जाएगी। आइये जानते हैं इसको लेकर कंपनी के प्लान के बारे में
नई दिल्ली, पीटीआई। ऑटो इंडस्ट्री अपनी गाड़ियों में एक से बढ़कर एक नई टेक्नालॉजी पेश करती रहती हैं। इसमें मारुति का भी नाम शामिल है। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार मारुति सुजुकी इंडिया (MSI) की योजना अगले 5-7 सालों में अपने मॉडल रेंज में मजबूत हाइब्रिड तकनीक रखने की है।
ऑटो प्रमुख का लक्ष्य अपने प्रत्येक मॉडल में पर्यावरण के अनुकूल प्रौद्योगिकी तत्वों को बेहतर माइलेज और कम कार्बन फुटप्रिंट को सक्षम करने के लिए एक पहल के हिस्से के रूप में स्ट्रांग और माइल्ड हाइब्रिड टेक्नालॉजी रखना है।
MSI के मुख्य तकनीकी अधिकारी सी वी रमन ने न्यूज एजेंसी पीटीआई-भाषा से बातचीत में कहा कि अगले पांच से सात वर्षों में, हर मॉडल में ( ग्रीन टेक्नालॉजी का) कोई न कोई तत्व होगा। पूरी रेंज में कोई शुद्ध पेट्रोल पावरट्रेन का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।
क्या होता है हाइब्रिड कारें
हाइब्रिड कार दो तरह की इंजन से मिलकर बनी होती है जिसमें एक सामान्य ईंधन वाला इंजन होता है और दूसरा बैटरी से चलने वाला इलेक्ट्रिक मोटर होती है। इस तरह इन कारों को एक समय पर पेट्रोल या डीजल से वहीं, दूसरे समय में इलेक्ट्रिक कार की तरह चलाया जा सकता है। भारत में अभी जो हाइब्रिड कारें मौजूद हैं वो लिक्विड फ्यूल के तौर पर पेट्रोल का इस्तेमाल करती हैं।
सेल्फ चार्जिंग होगी कारें
मारुति की अपकमिंग कारों में स्ट्रांग हाइब्रिड पावरट्रेन होने की संभावनाएं है, कंपनी विशेष रूप से आगे चल रहे कई मॉडलों में मजबूत हाइब्रिड तकनीक की तलाश कर रही है। रमन ने कहा कि सभी मॉडल स्ट्रांग सेल्फ-चार्जिंग हाइब्रिड पावरट्रेन के लिए उम्मीदवार होंगे।
जैसे की भारत में कई बड़ी वाहन निर्माण करने वाली कंपनियों ने अपनी इलेक्ट्रिक कारें लॉन्च करना शुरू कर दिया है और मार्केट में अच्छा रिस्पॉन्स भी मिल रहा है, वहीं मारुति ईवी सेगमेंट से काफी दूर है। MSI की योजना 2025 में देश में अपना पहला बैटरी इलेक्ट्रिक मॉडल लॉन्च करने की है। अभी फिलहाल कंपनी का फोकस एसयूवी मार्केट में अपना धाक जमाना है।