भारतीय Driving License को विदेशों में नहीं मिल रहा है अप्रूवल, सरकार ने उठाया कदम, जानें क्या है कारण
यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि अगर आप विदेश में घूमने या फिर वहां नौकरी के लिए जाते हैं तो आपको इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस की जरूरत होती है। हालांकि कुछ देश ऐसे हैं जहां ड्राइविंग के लिए आपको इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस की जरूरत नहीं होती है।
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। बीते कुछ समय से कई देश भारतीय नागरिकों के अंतरराष्ट्रीय ड्राइविंग लाइसेंस को स्वीकार नहीं कर रहे हैं। इस बात की जानकारी मिलते ही सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को उनके द्वारा जारी किए गए अंतरराष्ट्रीय ड्राइविंग परमिट (आईडीपी) के पहले पृष्ठ पर मुहर लगाने की सलाह दी है। बता दें, भारत सरकार को सार्वजनिक शिकायतों के माध्यम से इस बारे में पता चला है।
क्यों जरूरी है अंतरराष्ट्रीय ड्राइविंग लाइसेंस: यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि अगर आप विदेश में घूमने या फिर वहां नौकरी के लिए जाते हैं, तो आपको इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस की जरूरत होती है। हालांकि कुछ देश ऐसे हैं, जहां ड्राइविंग के लिए आपको इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस की जरूरत नहीं होती है। वहां आपका भारत का बना लाइसेंस ही काम करता है।
इस विषय पर बात करते हुए सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने कहा कि कई देश 19 सितंबर 1949 के सड़क यातायात के अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन के अनुसार भारतीय नागरिकों को जारी किए गए अंतर्राष्ट्रीय ड्राइविंग परमिट को स्वीकार नहीं कर रहे हैं।
कौन-से देशो में वैलिड है भारत में बना लाइसेंस: ब्रिटेन में भारत का बना हुआ ड्राइविंग लाइसेंस 1 साल तक के लिए वैलिड है। ब्रिटेन में आप स्कॉटलैंड, वेल्स और इंग्लैंड की सड़कों पर ड्राइविंग कर सकते हैं। हालांकि इसमें हर तरह के व्हीकल को लेकर अलग नियम बनाए गए हैं। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया के न्यू साउथ वेल्स, क्वींसलैंड में भारतीय लाइसेंस का इस्तेमाल तीन महीने तक किया जा सकता है। हालांकि इसके लिए आपका ड्राइविंग लाइसेंस अंग्रेजी में होना चाहिए। वहीं न्यूजीलैंड में भी भारतीय ड्राइविंग लाइसेंस वैलिड है। इसके साथ ही फ्रांस और नॉर्वे में भी भारतीय लाइसेंस पर आप सफर कर सकते हैं।