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भारतीय गाड़ियां अब होंगी ज्यादा सुरक्षित, क्रैश टेस्ट में भी होंगी पास

नए सेफ्टी नियमों के अनुसार अब भारतीय कार में स्टैंडर्ड फीचर्स के तौर पर सीट बेल्ट रिमाइंडर रिवर्स पार्किंग सेंसर्स स्पीड अलर्ट सिस्टम मिलना अनिवार्य हो जाएगा

By Ankit DubeyEdited By: Published: Thu, 21 Feb 2019 12:06 PM (IST)Updated: Thu, 21 Feb 2019 12:47 PM (IST)
भारतीय गाड़ियां अब होंगी ज्यादा सुरक्षित, क्रैश टेस्ट में भी होंगी पास
भारतीय गाड़ियां अब होंगी ज्यादा सुरक्षित, क्रैश टेस्ट में भी होंगी पास

नई दिल्ली (ऑटो डेस्क)। वर्ष 2019 को ऑटो इंडस्ट्री में 'Safe Vehicle Year' के तौर पर देखा जा रहा है। जैसा कि आपको पता ही है 1 अप्रैल 2019 सेस नए सेफ्टी नियम लागू होने जा रहे हैं, जिसके चलते अब भारतीय गाड़ियां पहले से ज्यादा सुरक्षित होंगी। नए सेफ्टी नियमों के अनुसार अब कार में स्टैंडर्ड फीचर्स के तौर पर सीट बेल्ट रिमाइंडर, रिवर्स पार्किंग सेंसर्स, स्पीड अलर्ट सिस्टम मिलना अनिवार्य हो जाएगा। इतना ही नहीं अब इन्हीं कारों को फ्रंट और साइड क्रैश टेस्ट में भी पास होना पड़ेगा। इसके अलावा वर्ष 2023 से हर कार में इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल और ऑटोमैटिक ब्रेकिंग सिस्टम दिया जाएगा।

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किस साल, कौनसा नियम?

पिछले साल अप्रैल महीने से नए मॉडल (टू-व्हीलर्स, कार और मिनी बस) पर ABS अनिवार्य कर दिया गया था और अब अप्रैल 2019 से मौजूदा मॉडल में यह सेफ्टी फीचर दिया जाएगा। अगर बात फ्रंट और साइड क्रैश टेस्ट की करें तो यह अक्टूबर 2017 से लागू है, लेकिन अब मौजूदा मॉडल में यह अक्टूबर 2019 से लागू हो जाएगा। इसके अलावा पैदल चलने वाले लोगों की सुरक्षा के लिए सेफ्टी फीचर अक्टूबर 2018 से नए मॉडल में मिलना शुरू होगा और मौजूदा मॉडल में यह अक्टूबर 2020 से मिलेगा। जुलाई 2019 से सभी मॉडल में सीट बेल्ट और स्पीड अलर्ट, एयरबैग, रिवर्स पार्किंग सेंसर्स कार में दिए जाएंगे। इसके बाद दिसंबर 2020 से सीट बेल्ट फॉर ड्राइवर, साइड डोर इन थ्री व्हीलर दिया जाएगा। फिर वाहनों में अप्रैल 2023 से इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल और ऑटोमैटिक ब्रेकिंग सिस्टम अनिवार्य कर दिए जाएंगे।

सड़क दुर्घटना के आंकड़ों पर एक नजर

सड़क दुर्घटना की बात करें तो साल 2017 में अन्य देशों के मुकाबले भारत में मरने वाले लोगों की संख्या काफी ज्यादा रही थी, खासतौर पर चालकों की। इसी संख्या को कम करने के लिए सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने कार में एयरबैग का होना अनिवार्य कर दिया था। सरकारी आंकड़ों पर नजर डालें तो साल 2017 में सड़क दुर्घटना में 26,869 कार चालकों की मृत्यु हुई है, जबकि 72 हजार लोगों की मृत्यु पैदल, साइकिल और टू-व्हीलर पर चलने वाले लोगों की हुई है।

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