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दुनिया का पहला Bulletproof Helmet AK-47 की गोली को भी देगा मात, इंडियन आर्मी ने किया तैयार

इंडियन आर्मी के एक मेजर ने Bulletproof Helmet बनाकर तैयार किया है जो कि AK-47 की बुलेट से भी सेफ्टी करेगा।

By Sajan ChauhanEdited By: Published: Fri, 07 Feb 2020 08:32 PM (IST)Updated: Fri, 07 Feb 2020 08:32 PM (IST)
दुनिया का पहला Bulletproof Helmet AK-47 की गोली को भी देगा मात, इंडियन आर्मी ने किया तैयार
दुनिया का पहला Bulletproof Helmet AK-47 की गोली को भी देगा मात, इंडियन आर्मी ने किया तैयार

नई दिल्ली, ऑटे डेस्क। हेलमेट का इस्तेमाल टू-व्हीलर पर राइडिंग के दौरान किया जाता है और इसका इस्तेमाल करना ट्रैफिक नियमों के अनुसार अनिवार्य किया हुआ है, लेकिन देश की सेना हेलमेट का इस्तेमाल अन्य सेफ्टी के लिए भी करती है। अब हाल ही में एक इडियन आर्मी मेजर ने एक ऐसा हेलमेट तैयार किया है जो कि बुलेट की मार से बचा सकता है। इससे पहले Army मेजर ने बुलेटप्रूफ जैकेट को तैयार किया था जो कि स्निपर बुलेट से प्रोटेक्शन में काम आती है।

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इस हेलमेट के लिए दावा किया जा रहा है कि यह पहला ऐसा हेलमेट है जो कि AK-47 बुलेट को फायर को भी रोक सकता है, अगर दूरी 10 मीटर की होगी। यह बेलिस्टिक हेलमेट मेजर अनुप मिश्रा ने अभेद्य प्रोजेक्ट के तहत बना कर तैयार किया है। इससे पहले अनुप मिश्रा फुल बॉडी प्रोटेक्शन के लिए बुलेटप्रूफ जैकेट को भी बनाकर तैयार कर चुके हैं जो कि स्नीपर राइफल की मार को भी मात दे सकती है।

यह ऑफिसर इंडियन आर्मी के कॉलेज ऑफ मिलिट्री इंजीनियरिंग का हिस्सा है। इसके अलावा इंडियन आर्मी कॉलेज ऑफ मिलिट्री इंजीनियरिंग ने एक प्राइवेट फर्म के साथ साझेदारी की हुई है, जिसने दुनिया का सबसे सस्ता और भारत का पहला गनशॉट लोकेटर बनाकर तैयार किया है। यह 400 मीटर से दुरी से मार की गई बुलेट की बिल्कुल सटीक लोकेशन का पता लगा सकती है, जिससे आतंकवादियों का पता लगाने में काफी मदद मिल सकती है। 2016-17 के दौरान 50 हजार बुलेटप्रूफ जैकेट्स इंडियन आर्मी के लिए तैयार की जा चुकी हैं।

पुणे में स्थित कॉलेज ऑफ मिलिट्री इंजीनियरिंग (CME) में प्रीमियर टेक्टिकल और टेक्निकल ट्रैनिंग इंस्टीट्यूट भी है, जहां से कॉर्प्स जीनियर निकलते हैं। सीएमई कॉम्बेट इंजीनियरिंग, सीबीआरएन प्रोटेक्शन, वर्क्स सर्विसेज और जीआईएस मामलों में सभी आर्म्स और सर्विस के कर्मियों को निर्देश देने के अलावा इंजीनियर्स के कोर के कर्मियों की ट्रैनिंग के लिए कार्य करता है। 


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