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रेटिंग एजेंसी का अनुमान, 20 से 25 फीसद कम हो सकती है ऑटोमोबाइल्स की बिक्री

रेटिंग एजेंसी ने कहा कि जीएसटी में कटौती या प्रोत्साहन आधारित स्क्रैप-अप नीति जैसे अनुकूल नियामक परिवर्तन मध्यम अवधि में ऑटोमोबाइल की मांग फिर से बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। नई नीति से वाहनों की बिक्री फिर से बढ़ेगी।

By Sajan ChauhanEdited By: Published: Wed, 30 Sep 2020 09:02 AM (IST)Updated: Wed, 30 Sep 2020 09:02 AM (IST)
इस वितीय वर्ष में घट सकती है वाहनों की बिक्री

नई दिल्ली, (पीटीआई)। जानी-मानी रेटिंग एजेंसी Ind-Ra के अनुसार ऑटोमोबाइल की बिक्री इस वित्तीय वर्ष में 20-25 प्रतिशत कम हो सकती है जो कि 22-25 प्रतिशत के अपने पहले के पूर्वानुमान के मुकाबले व्यक्तिगत गतिशीलता और ग्रामीण और अर्ध-शहरी बाजारों से अपेक्षित माँग के कारण बढ़ती है।

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Ind-Ra ने एक विज्ञप्ति में कहा कि एक ही समय में, रेटिंग एजेंसी ने वित्तीय क्षेत्र की दूसरी छमाही के लिए ऑटो सेक्टर के लिए एक नकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखा है, जो लगातार कमजोर उपभोक्ता भावनाओं और मैक्रोइकोनॉमिक हेडवांड की वजह से जारी है।

Ind-Ra ने कहा कि नवीनतम पूर्वानुमान वित्त वर्ष 2015 में वित्त वर्ष 2015 में बिक्री की मात्रा में 22-25 प्रतिशत की गिरावट के पहले के पूर्वानुमान से थोड़ा बेहतर है।

रेटिंग एजेंसी ने कहा कि जीएसटी में कटौती या प्रोत्साहन आधारित स्क्रैप-अप नीति जैसे अनुकूल नियामक परिवर्तन मध्यम अवधि में ऑटोमोबाइल की मांग फिर से बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।

एजेंसी की तरफ से चेतावनी दी गई है कि ग्रामीण भारत में वायरस का कोई भी महत्वपूर्ण प्रसार अर्थव्यवस्था के उन हिस्सों में और अधिक दिक्क्त के कारण रिकवरी को प्रभावित कर सकता है।

ऐसा कहा गया है कि यात्री वाहनों (PVs) और दोपहिया (TWs) दोनों की बिक्री इस वित्त वर्ष में 18-21 प्रतिशत कम हो सकती है, आर्थिक गतिविधियों की में कमी की वजह से कमर्शियल वाहनों (CVs) की बिक्री में गिरावट वित्त वर्ष 2015 में 30-35 प्रतिशत होगी।


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