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आयात इलेक्ट्रिक वाहनों पर पड़ी बजट की मार, बढ़ी इंपोर्ट ड्यूटी

केंद्र सरकार के इस बजट में एक तरफ जहां घरेलू इलेक्ट्रिक वाहनों को बनाने के लिए बढ़ावा दिया गया है वहीं बाहरी कारों के इंपोर्ट प्राइस को बढ़ा दिया गया है

By Ankit DubeyEdited By: Published: Mon, 03 Feb 2020 12:58 PM (IST)Updated: Mon, 03 Feb 2020 12:58 PM (IST)
आयात इलेक्ट्रिक वाहनों पर पड़ी बजट की मार, बढ़ी इंपोर्ट ड्यूटी
आयात इलेक्ट्रिक वाहनों पर पड़ी बजट की मार, बढ़ी इंपोर्ट ड्यूटी

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। वित्त मंत्री ने शनिवार को आम बजट पेश किया। जिसमें आयातित वाहनों के दामों में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। आपको बता दें कि केंद्र सरकार के इस बजट में एक तरफ जहां घरेलू इलेक्ट्रिक वाहनों को बनाने के लिए बढ़ावा दिया गया है, वहीं बाहरी कारों के इंपोर्ट प्राइस को बढ़ा दिया गया है। पहले इलेक्ट्रिक व्हीकल के इंपोर्ट पर सरकार 5 फीसदी का आयात शुल्क लेती थी पर इस नए बजट के बाद सरकार आयातित कारों पर अब 15 फीसदी का टैक्स लेगी। ऐसे में यह देखना दिलचस्प है कि कार कंपनियों और ग्राहकों के जेब पर कहां-कहां असर पड़ेगा। टैक्स बढ़ने के कारण इंपोर्टेड इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत बढ़ जाएगी। अगर आप विदेश से 20 लाख रुपये की कीमत में इलेक्ट्रिक वाहन इंपोर्ट कराते हैं, तो 15 फीसदी के आयात शुल्क के हिसाब से 3 लाख रुपये आपको और अधिक देने होंगे। इससे पहले बजट में इलेक्ट्रिक वाहन के इंपोर्ट पर 5 फीसदी का शुल्क था, जिसके हिसाब से आयात शुल्क 1 लाख रुपए तक होता था।

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सरकार ने मेक इन इंडिया पर विशेष ध्यान देते हुए देश में बनी इलेक्ट्रिक वाहनों को ज्यादा प्रोतसाहित किया है। आपको बता दें कि सरकार ने पूरी तरह से बने कॅामर्शियल इलेक्ट्रिक वाहनों पर 25 से 40 फीसदी का आयात शुल्क कर दिया है। जिसके कारण इंटरनल कम्बशन इंजन मतलब पेट्रोल और डीजल के वाहनों का विदेश से आयात कराना अब महंगा पड़ेगा। साथ ही सरकार ने अपने बजट में इलेक्ट्रिक वाहनों को बानाने वाले पार्टस् का आयात शुल्क 15 फीसदी से बढ़ाकर 30 फीसदी कर दिया है। इलेक्ट्रिक बस, ट्रक के साथ टू-व्हीलर के पार्टस के आयात पर 15 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी शुल्क कर दिया है, इस वजह से अब विदेश से पार्टस् को इंपोर्ट करके असेंबल करने वाली कंपनियों को ज्यादा लागत लगानी पड़ जाएगी।

सरकार के ऐसा करने से अब विदेशी कंपनियों भारत में ही इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को बनाने के लिए तैयारी करनी पड़ेगी। इससे देश निवेश के साथ-साथ बड़े पैमाने पर रोजगार के बढ़ने की उम्मीदे हैं। सरकार ने भारत को इलेक्ट्रिक व्हीकल हब बनाने कि उम्मीद में है यह फैसला लिया है। इस वजह से अब हु्ंडई की इलेक्ट्रिक कार kona और MG Motors की इलेक्ट्रिक कारों को खरीदना महंगा हो जाएगा। उम्मीद है बजट के इस बदलाव से सरकार अपने उद्देश को पूरा करने में सक्षम होगी। 


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