बाज की नजर से भी खतरनाक होते हैं ट्रैफिक कैमरे, पलक झपकते कट जाता है चालान; जानें पूरा प्रॉसेस
अगर कोई नियम को तोड़ता है तो उसकी गाड़ी की तस्वीर क्लिक हो जाती है और उस गाड़ी का नंबर नियंत्रण केंद्र तक पहुंच जाता है। वीडियो में तिथि समय और कैमरा नंबर छवि में ही एन्क्रिप्ट किया गया है ताकि अधिकारी भी इससे छेड़छाड़ न कर सकें।
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। ई-चालान के माध्यम से यातायात उल्लंघन करने वाले ड्राइवरों की संख्या पिछले साल सड़क पर पकड़े गए लोगों की तुलना में लगभग दोगुनी हो गई है। कुछ साल पहले तक जब वाहन चालकों को यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर रोका जाता था तो वे अनगिनत बहाने देते थे, यातायात पुलिसकर्मियों से बहस करते थे और बिना जुर्माना अदा किए भाग जाते थे। अब ई-चालान के चलते ऐसी दलीलें लगभग नदारद हैं, और उल्लंघन करने वाले कैमरे में कैद हो रहे हैं। आइये जानते हैं ट्रैफिक सिग्नल से कैसे कटता है चालान।
ट्रैफिक सिग्नल पर हाइटेक कैमरे लगे होते हैं, जो 24x7 घंटे काम करते हैं। वहीं ऐसे हाइटेक कैमरे हाइवे पर भी लगे होते हैं जो उल्लंघन करने वाले कैमरे में कैद करते रहते हैं। सड़क पर चल रही गाड़ियों की रिकॉर्डिंग होती रहती है, जिसका पूरा डाटा नियंत्रण केंद्र में जाता रहता है। नियंत्रण केंद्र पर एक टीम बैठी होती रहती है, जो उल्लंघन करने वाली गाड़ियों को नोटिस करके उसका चालान काटती है।
फोटो के साथ ये कैमरे प्रूफ के तौर पर एक शॉर्ट वीडियो भी कैप्चर किया जाता है। अगर कोई नियम को तोड़ता है तो उसकी गाड़ी की तस्वीर क्लिक हो जाती है और उस गाड़ी का नंबर नियंत्रण केंद्र तक पहुंच जाता है। वीडियो में तिथि, समय और कैमरा नंबर छवि में ही एन्क्रिप्ट किया गया है, ताकि अधिकारी भी इससे छेड़छाड़ न कर सकें। एन्क्रिप्टेड छवि स्थानीय सर्वर से केंद्रीय सर्वर (पुलिस नियंत्रण कक्ष) में जाती है। फिर डेटा VAHAN (सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय का राष्ट्रीय वाहन रजिस्ट्री डेटाबेस) भेजा जाता है। फिर फोन नंबर पर एक संदेश भेजा जाता है जो वाहन के साथ पंजीकृत होता है।
नो पार्किंग जोन के लिए भी कटता है ई-चालान
पार्किंग उल्लंघन के लिए, सिस्टम में नो-पार्किंग जोन फीड किए जाते हैं। एक समय सीमा भी निर्धारित की जाती है और यदि कोई वाहन उस समय से आगे क्षेत्र में है, तो उल्लंघन दर्ज किया जाता है।