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लग्जरी कारों पर बढ़े सेस का कुछ बोझ खुद उठाएंगी ऑटो कंपनियां

देश में जीएसटी सेस बढ़ने के बाद देश का कार उद्योग पेसोपेश में है। खास तौर पर महंगी कारें बनाने वाली कंपनियों के लिए यह बढ़ोतरी एक बड़ी उलझन लेकर आ गई है।

By Bani KalraEdited By: Published: Mon, 11 Sep 2017 10:36 AM (IST)Updated: Mon, 11 Sep 2017 10:36 AM (IST)
लग्जरी कारों पर बढ़े सेस का कुछ बोझ खुद उठाएंगी ऑटो कंपनियां
लग्जरी कारों पर बढ़े सेस का कुछ बोझ खुद उठाएंगी ऑटो कंपनियां

नई दिल्ली (जेएनएन)। जीएसटी सेस बढ़ने के बाद देश का कार उद्योग पेसोपेश में है। खास तौर पर महंगी कारें बनाने वाली कंपनियों के लिए यह बढ़ोतरी एक बड़ी उलझन लेकर आ गई है। जीएसटी लागू होने के बाद जब महंगी गाड़ियों और एसयूवी पर कुल टैक्स की दरों में कमी हुई थी तो इन कंपनियों ने कारों की कीमतों को घटाने का फैसला किया था। इससे एसयूवी के साथ ही महंगी कारों की बिक्री में अच्छी खासी बढ़ोतरी हुई थी। अब इन कंपनियों को नए सिरे से कार की कीमत बढ़ाने की जरूरत होगी। ऐसे में इन्हें डर है कि इन कारों के नए खरीददार बिदक न जाये। यही वजह है कि मर्सिडीज बेंज, ऑडी जैसी कार बनाने वाली कंपनियों ने बढ़ी हुई कीमत का कुछ हिस्सा खुद ही वहन करने का फैसला किया है ताकि बिक्री की रफ्तार बनी रहे।

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शनिवार को हैदराबाद में जीएसटी काउंसिल की बैठक में कारों पर सेस की दरों को नए सिरे से समायोजित किया गया है। बड़ी और लक्जरी कारों पर सेस की दर में दो फीसद से सात फीसद तक का अतिरिक्त इजाफा किया गया है। हाइब्रिड कारों पर दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। सरकार इसे लागू करने के लिए सोमवार को अधिसूचना जारी करेगी।

महिंद्रा, हुंडई, टोयोटा किलरेस्कर, ऑडी, मर्सिडीज बेंज और टाटा समूह की जेएलआर की तरफ से सोमवार को ही अपने तमाम वाहनों की नई कीमतों का एलान किया जाएगा। लेकिन इन कंपनियों से जुड़े लोगों का कहा है कि सरकार की तरफ से अंतिम घोषणा आने के बाद ही यह तय कर पाएंगे कि कितना बोझ हम उठाएंगे और कितना ग्राहकों पर डालेंगे।

टोयोटा किलरेस्कर के वाइस चेयरमैन शेखर विश्वनाथन का कहना है कि, ‘बार बार टैक्स रेट में बदलाव से उद्योग के उत्साह पर असर पड़ता है जो बाजार में अस्थिरता को बढ़ा सकता है।’ भारतीय बाजार में तेजी से पैठ बना रही बीएमडब्ल्यू ने भी ऐसी ही बातें कही है। सनद रहे कि हाइब्रिड कारों पर टैक्स की दरों को बढ़ाये जाने से नाराज हुंडई ने पहले ही यह एलान कर दिया है कि वह भारत में अब हाइब्रिड कारें लांच नहीं करेगी।

परिषद ने उन्होंने पूरे हालात पर नजर रखते हुए फैसला किया है। परिषद 10 फीसद तक सेस की दर तय कर सकता था लेकिन उसने ऐसा ऑटो उद्योग की अहमियत को देखते हुए ही किया है। कई कार कंपनियों ने भी सरकार के इस रुख का स्वागत किया है। बहरहाल परिषद का फैसला स्कार्पियो, डस्टर, एक्सूयवी 500, फाच्र्यूनर जैसे तमाम प्रसिद्ध एसयूवी की कीमतों में सात फीसद तक की वृद्धि संभव है।
 


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