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विदेशी बाइक्स पर घटी इंपोर्ट ड्यूटी, सस्ती हो जाएंगी इन कंपनियों की बाइक्स

सरकार ने हार्ले डेविडसन और ट्रायंफ जैसे विदेशी ब्रैंड्स की महंगी मोटरसाइकिल्स पर 10 फीसद कस्टम ड्यूटी घटाकर 50 फीसद कर दिया है

By Ankit DubeyEdited By: Published: Tue, 13 Feb 2018 04:22 PM (IST)Updated: Tue, 13 Feb 2018 06:40 PM (IST)
विदेशी बाइक्स पर घटी इंपोर्ट ड्यूटी, सस्ती हो जाएंगी इन कंपनियों की बाइक्स
विदेशी बाइक्स पर घटी इंपोर्ट ड्यूटी, सस्ती हो जाएंगी इन कंपनियों की बाइक्स

नई दिल्ली (पीटीआई)। हार्ले डेविडसन और ट्रायंफ जैसे विदेशी ब्रैंड्स की महंगी मोटरसाइकिल्स अब भारत में सस्ती हो जाएंगी। सरकार ने कस्टम ड्यूटी घटाकर 50 फीसद कर दी है। इससे पहले इम्पोर्ट की गई मोटरसाइकिल्स, जिनका इंजन 800cc या उससे कम होता है, उन मॉडल्स पर 60 फीसद कस्टम ड्यूटी लगाई जाती थी। वहीं, 800cc से ज्यादा इंजन वाली मोटरसाइकिल्स पर 75 फीसद कस्टम ड्यूटी लगाई जाती थी।

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सेंट्रल बोर्ड ऑफ एक्साइज एंड कस्टम (CBEC) ने 12 फरवरी को अधिसूचना के जरिए बताया कि सरकार ने दोनों वेरिएंट्स वाली मोटरसाइकिल्स पर, जो कम्पलीट्ली बिल्ड यूनिट्स (CBU) रूट के जरिए भारत में इम्पोर्ट की जाती है, उन पर 50 फीसद कस्टम ड्यूटी कर दी है।

इन कंपनियों की बाइक्स हो जाएंगी सस्ती:

इम्पोर्ट ड्यूटी घटने से ट्रायंम्फ, हार्ले-डेविडसन, BMW मोटोर्रेड, MV अगस्ता, कावासाकी, सुजुकी, डुकाटी और इंडियन की हाई-एंड परफॉर्मेंस बाइक्स सस्ती हो जाएंगी।

विशेषज्ञों ने क्या कहा?
 
विशेषज्ञों का कहना है कि इन मोटरसाइकिल्स के लिए इम्पोर्ट ड्यूटी दरों को तर्कसंगत बनाया गया है क्योंकि यह लंबे समय से इंडस्ट्री की मांग है और ऐसी हाई-एंड बाइक्स वर्तमान में भारत में निर्मित नहीं की जाती।

EY के पार्टनर ने क्या कहा?

अर्नस्ट एंड यंग (EY) के पार्टनर अभिषेक जेन ने कहा, "सरकार ने पूरी तरह से निर्मित मोटरसाइकिल्स के आयात पर मूल सीमा शुल्क की दर को घटाकर 50 प्रतिशत कर दिया है। घटाई गई दरों के बाद मोटरसाइकिल्स की कीमत में कटौती होनी चाहिए, जो कि भारत में बिक्री के लिए इम्पोर्ट की जा रही हैं।"

CBEC द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक इंजन, गियरबॉक्स, या मोटरसाइकिल के रूप में कम्पील्टी नॉक्ड डाउन (CKD) ट्रांसमिशन इम्पोर्ट ड्यूटी घटाकर 25 फीसद कर दी गई है। इससे पहले इन प्री-असेम्बल्ड पार्ट्स पर 30 फीसद कस्टम ड्यूटी लगाई जाती थी।

मेक इन इंडिया को ऐसे मिलेगा प्रोत्साहन:

इतना ही नहीं, इस बीच, 'मेक इन इंडिया' पहल के हिस्से के रूप में स्थानीय असेम्बलिंग को बढ़ावा देने के लिए CBEC ने CKU किट के रूप में इंजन, गियर बॉक्स और ट्रांसमिशन के इम्पोर्ट को बढ़ाकर 15 फीसद कर दिया है, जो प्री-असेम्बल्ड नहीं होंगे। इससे पहले इनपर 10 फीसद ड्यूटी लगाई जाती थी।

डेलोइट ने क्या कहा?

डेलोइट इंडिया के सीनियर डायरेक्टर अनूप कलावथ ने कहा, "इंजन, गियरबॉक्स और ट्रांसमिशन के मैकेनिज्म पर बढ़ाई गई कस्टम ड्यूटी से सरकार यह संदेश भेज रही है कि वह ऑटोमोबाइल सहायक उद्योग की रक्षा करेगी। यह पॉलिसी ग्लोबल ऑटो एंसिलरी (Ancillary) इंडस्ट्री को प्रोत्साहित करेगी।इसी के साथ यह पॉलिसी ग्लोबल सप्लाई के लिए भारत में मैन्युफैक्चरिंग आधार के रूप में ऑटो  एंसिलरी (Ancillary) इंडस्ट्री को बढ़ावा देगी।"


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