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Golden ERA Of cars: Tata Safari क्यों कही जाती है देश की असली SUV? 1998 से अब तक कितनी बदली ये कार

टाटा सफारी उस समय एसयूवी सेगमेंट में आई जब भारत में इस सेगमेंट में बहुत कम कारें थी। 1998 में लॉन्च होते ही इस गाड़ी को भारी संख्या में लोगों ने खरीदा। कंपनी ने साल 2005 तक इस गाड़ी में कोई बदलाव नहीं किया था। (जागरण फोटो)

By Atul YadavEdited By: Atul YadavPublished: Mon, 20 Mar 2023 08:30 PM (IST)Updated: Mon, 20 Mar 2023 08:30 PM (IST)
Golden ERA Of cars: Tata Safari क्यों कही जाती है देश की असली SUV? 1998 से अब तक कितनी बदली ये कार
पहले से काफी एडवांस हो गई है टाटा सफारी

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। टाटा सफारी एक ऐसी गाड़ी है जिसे 20-25 सालों से लोगों का काफी प्यार मिल रहा है। एक समय था जब टाटा सफारी सबसे अधिक चुनावी रैलियो में दिखाई देती थी। हालांकि, अभी भी इस गाड़ी को आप चुनावी रैलियों में देख सकते हैं, लेकिन पहले जितना वो बात नहीं है, क्योंकि अब इनोवा, Fortuner भी टाटा सफारी के साथ हुजूम में दिख जाएंगे। इस खबर में आपको टाटा सफारी के पहले जेनरेशन से लेकर अभी वर्तमान जनेरेशन की हिस्ट्री के बारे में बता रहे हैं।

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Safari in its first generation (1998-2005)

टाटा सफारी को सबसे पहले ऑटो एक्सपो 1998 में देखा गया था। उस समय भारत में हैचबैक गाड़ियां अधिक थी, धीरे-धीरे सेडान गाड़ियां मार्केट में आना शुरू ही हुई थी। टाटा सफारी उस समय एसयूवी सेगमेंट में आई जब भारत में इस सेगमेंट में बहुत कम कारें थी। 1998 में लॉन्च होते ही इस गाड़ी को भारी संख्या में लोगों ने खरीदा। कंपनी ने साल 2005 तक इस गाड़ी में कोई बदलाव नहीं किया था। पहली पीढ़ी की सफारी सिंगल पावरट्रेन विकल्प के साथ उपलब्ध थी, जो 2.0-लीटर टर्बो डीजल इंजन था।

Safari in its second generation ( 2005-2007)

साल 2005 तक टाटा सफारी के नाम को ऑफ-रोड गाड़ियों में गिने जाने लगा। उस समय भारत में कई शानदार इंजन से लैस गाड़ियां लॉन्च हुईं थी, जिसको देखते हुए कंपनी ने अपने इस एसयूवी कार में थोड़े बदलाव का प्लान किया। साल 2005 में टाटा सफारी सेकेंड जेनरेशन को लॉन्च किया गया, जिसमें इस गाड़ी के एक्सटीरियर के साथ-साथ कई इंटीरियर में चेंजेज किए थे। यहां तक की टाटा ने सेकेंड जेनरेशन सफारी में 3.0-लीटर डायकोर डीजल इंजन भी लगाया था।

Safari in its third generation ( 2007-2012)

सेकेंड जेनरेशन को ग्राहकों द्वारा अच्छी प्रतिक्रिया मिली थी, लेकिन इंजन के मामले में उतना ज्यादा परफॉर्म नहीं कर सकी। इस लिए कंपनी ने साल 2007 में इसे थर्ड जेनरेशन में कुछ बदलाव करके उतारा, जिसमें नए यूरो 4 अनुरूप 2.2 लीटर डायकोर इंजन दिया गया था।

Safari in its fourth generation ( 2012-2019)

साल 2012 में टाटा ने सफारी को एक नया नाम दिया 'सफारी स्टॉर्म'। सफारी स्टॉर्म उस समय काफी एडवांस लुक से लैस थी, इस जेनरेशन की गाड़ी ने सफारी की पूरी ड्राइविंग एक्सपीरिएंस को चेंज कर के रख दिया। सफारी स्टॉर्म को 2012 ऑटो एक्सपो में पेश किया गया था और यह टाटा के अपने एक्स2 प्लेटफॉर्म पर आधारित थी।

The Army edition of the Safari

सफारी का यह संस्करण टाटा मोटर्स की ओर से भारतीय सेना के लिए एक विशेष पेशकश थी। राजनेताओं के लिए बुलेट-प्रूफ वेरिएंट के रूप में पेश किए जाने के अलावा, Tata ने अपने Storme को आर्मी स्पेसिफिक वर्जन में लॉन्च किया और इसे GS800 नाम दिया है।

टाटा सफारी न्यू जेनरेशन

वर्तमान में टाटा सफारी सबसे एडवांस है। टाटा सफारी के न्यू जेनरेशन मॉडल में कई सेफ्टी फीचर को जोड़ा गया, जिसमें एडास सेफ्टी फीचर शामिल है। यानी अब आपकी सफारी पहले से और अधिक सेफ हो गई। नई सफारी पहले से कहीं अधिक एडवांस, पावरफुल और सेफ है।

काफी लंबे समय से भारतीयों के दिलों में राज करने वाली टाटा सफारी एसयूवी को देश की असली एसयूवी कह सकते हैं। क्योंकि, यह गाड़ी उस समय आई थी, जब भारत में विदेशी एसयूवी गाड़ियों की अधिक मांग थी।


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