भारत में क्या होगा इलेक्ट्रिक व्हीकल्स का भविष्य, इस रिपोर्ट में जानिए
आने वाले वर्षों में दुनिया तेजी से इलेक्ट्रिक वाहन को अपनाने जा रही है। इलेक्ट्रिक व्हीकल्स मेन स्ट्रीम व्हीकल्स से ज्यादा जरुरी हो जाएंगे। ज्यादातर मोटर कंपनियां इलेक्ट्रिक वाहन बनाने के लिए रिसर्च कर रही हैं।
नई दिल्ली (ऑटो डेस्क)। आने वाले वर्षों में दुनिया तेजी से इलेक्ट्रिक वाहन को अपनाने जा रही है। इलेक्ट्रिक व्हीकल्स मेन स्ट्रीम व्हीकल्स से ज्यादा जरुरी हो जाएंगे। ज्यादातर मोटर कंपनियां इलेक्ट्रिक वाहन बनाने के लिए रिसर्च कर रही हैं। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि भारत में इलेक्ट्रिक वाहन का भविष्य क्या होगा। भारत सरकार की 2030 तक देश में इलेक्ट्रिक वाहन लाने की योजना थी, लेकिन जनवरी, 2018 में इस पर विराम लगा गया। यदि भारत इलेक्ट्रिक वाहन की ओर आगे बढ़ता है तो चीन के बाद भारत इलेक्ट्रिक व्हीकल्स का सबसे बड़ा बाजार होगा।
ब्लूमबर्ग न्यू एनर्जी फाइनेंस (बीएनईएफ) ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की है इसमें बताया गया है कि भारत के इलेक्ट्रिक वाहन के बड़ा बाजार होने पर संदेह है। इसका सबसे बड़ा कारण भारत में पहले से मौजूद गाड़ियों की कीमत विदेशी में गाड़ियों की कीमत की तुलना में काफी कम है। अगर वैश्विक तौर पर देखा जाए तो अमेरिका और यूरोपीय संघ के लोगों को नई कार पर $ 35,000 खर्च करने में कोई फर्क नहीं पड़ता है। वहीं अगर चीन की बात करें यह आंकड़ा उन लोगों के लिए $ 15,000 है जो चीन में एक नई कार खरीदते हैं, लेकिन वहीं अगर भारत की बात करें तो यहां कार की औसत कीमत $ 10,000 से कम है।
ब्लूमबर्ग न्यू एनर्जी फाइनेंस (बीएनईएफ) की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत अगले 10 वर्षों में इलेक्ट्रिक दो पहिया, रिक्शा और इलेक्ट्रिक बसों को लेकर बेहतर प्रगति करेगा। 2017 के अंत में, भारतीय सड़कों पर कुल 6,000 इलेक्ट्रिक कारें चल रही थीं, जो कि भारतीय सड़कों पर कुल कारों की संख्या की तुलना में बेहद कम है। बीएनईएफ की रिपोर्ट की मानें तो 20,22 तक ईवीएस वाहनों की बिक्री 30,000 यूनिट्स तक पहुंच जाएगी, जो कि 2017 में 2000 यूनिट्स थी। स्टडी के मुताबिक अगर ईवी की बिक्री बढ़ती है, तो 2030 तक वार्षिक वाहन बिक्री का यह 6.6 फीसद होगा जो कि 2040 तक 27 फीसद तक पहुंच जाएगा।
सरकार उठाए ये जरूरी कदम
भारत में इलेक्ट्रिक वाहन का बाजार बढ़े इसके लिए सरकार को सब्सिडी योजना लागू करना होगा और कार खरीदने वाले कस्टमर को इलेक्ट्रिक कार खरीदने के लिए प्रोत्साहित करना होगा। सबसे जरूरी काम यह है कि सरकार को पूरे देश में चार्जिंग नेटवर्क के इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाना होगा ताकि इलेक्ट्रिक वाहन कहीं भी आसानी से चार्ज किए जा सकें।