BMW पर डीजल एमिशन को लेकर लगा धोखा देने का आरोप, फॉक्सवैगन भी कर चुकी है ऐसा
साल 2009 से साल 2013 के बीच बेची गईं BMW X5 और 335d मॉडल डीजल कारों पर यह मुकदमा दर्ज हुआ है।
नई दिल्ली (ऑटो डेस्क)। लग्जरी कार निर्माता BMW पर अमेरिका में डीजल एमिशन टेस्ट में धोखाधड़ी करने का आरोप लगा है। कंपनी पर अमेरिका में हजारों कारों में 'डिफीट डीवाइज' इंस्टॉधल करने पर मुकदमा दर्ज हुआ है। आपको बता दें कि न्यू जर्सी में फेडरल कोर्ट में केस को फाइल कर लिया है जोकि जज द्वारा सर्टिफाइड करने के बाद मुकदमे का रूप ले लेगा। साल 2009 से साल 2013 के बीच बेची गईं BMW X5 और 335d मॉडल डीजल कारों पर यह मुकदमा दर्ज हुआ है।
जानकारी के लिए बता दें कि पिछले हफ्ते जर्मनी की अथॉरिटीज ने म्यूनिख में BMW के हेडक्वाइर्टर और आस्ट्रिया में छापा मारा था जिसमें करीब 11 हजार से ज्यादा गाड़ियों में एमिशन चीट सिस्टम बनाने से जुड़े संभावित फ्रॉड की जांच से जुड़ा था। इस केस में Hagens Berman कंपनी के वकीलों ने दावा किया है कि इन कारों का एमिशन स्टैाडर्ड लेवल से 27 गुना ज्यादा है और ऐसा इनमें लगे 'डिफीट डीवाइज' और 'चालाक सॉफ्टवेयर' की वजह से संभव हुआ है।
कंपनी के मैनेजिंग पार्टनर स्टीसव बरमन ने कहा कि इस लेवल पर ये सभी गाड़ियां खराब होने के साथ-साथ कानूनी तौर पर अमरीका की सड़कों पर चलने के स्टैंrडर्ड को भी पूरा करने में सक्षम नहीं हैं। ऐसे में अगर कार निर्माता कंपनी इस बारे में लोगों को बताती है तो इन्हें कोई भी नहीं खरीदेगा ऐसे में कंपनी ने अपने ग्राहकों को झूठ बोला और हकीकत से रूबरू नहीं कराया।
फॉक्सवैगन भी कर चुकी है ऐसा
यह कोई पहली बार नहीं है जब किसी कंपनी ने ऐसा किया है, इससे पहले भी फॉक्सवैगन भी ऐसा कर चुकी है। पहले फॉक्सवैगन पर 1.1 करोड़ कारों में डिफीट डीवाइसेज लगाने का आरोप साबित हुआ था। पूरी दुनिया में इसे 'डीजलगेट' स्कैंईडल के नाम से जाना गया।