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कोरोनावायरस के बाद की परिस्थितियों के लिए तैयार रहें कर्मचारी: महिंद्रा

ऑटो दिग्गज महिंद्रा एंड महिंद्रा के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने कोरोना महामारी को अब तक का सबसे बड़ा संकट बताया है।

By Ankit DubeyEdited By: Published: Fri, 03 Apr 2020 09:29 AM (IST)Updated: Sat, 04 Apr 2020 09:44 AM (IST)
कोरोनावायरस के बाद की परिस्थितियों के लिए तैयार रहें कर्मचारी: महिंद्रा
कोरोनावायरस के बाद की परिस्थितियों के लिए तैयार रहें कर्मचारी: महिंद्रा

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। ऑटो दिग्गज महिंद्रा एंड महिंद्रा के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने कोरोना महामारी को अब तक का सबसे बड़ा संकट बताया है। महिंद्रा ने अपने दो लाख से अधिक कर्मचारियों को गुरुवार को एक पत्र लिखा। इसमें उन्होंने कर्मचारियों को लॉकडाउन की इस अवधि का उपयोग व्यक्तिगत और पेशेवर जिंदगी के ढंग के पुनरावलोकन में करने की सलाह दी है। उनके मुताबिक यह पुनरावलोकन उन्हें कोरोना-पश्चात दौर की पेशेवर गतिविधियों में के लिए तैयार करने में बड़ी भूमिका निभाएगा।

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महिंद्रा के मुताबिक 12 वर्ष पहले की वैश्विक आर्थिक मंदी के दौरान भी उन्होंने कर्मचारियों से यही कहा था कि तत्कालीन वक्त स्वावलोकन के माध्यम से नई शुरुआत करने, नयापन लाने और नए जोश से भविष्य में उतरने के लिए खुद को तैयार करने का है। उनका कहना था कि 21 दिनों का यह लॉकडाउन एक सुनहरा मौका है, जब नए विचार और इनोवेशन के बारे में सोचा जा सकता है और संकट की इस घड़ी का अवसर के रूप में उपयोग किया जा सकता है। यह वक्त भविष्य के लिए बड़े सपने देखने और जब वह वक्त सामने आए तो उसे साकार करने का है।

महिंद्रा ने कहा, "यह कामकाज के लिहाज से सामान्य वक्त नहीं है। हम ऐसे भीषण संकट के दौर से गुजर रहे हैं, जो हमारे सामने पहले कभी नहीं आया। हम सब खुद, अपने परिवार, कारोबार, अर्थव्यवस्था और देश के लिए चिंतित हैं। इसके बावजूद हम सब आगे बढ़ने के लिए जो कुछ भी कर सकते हैं, कर रहे हैं। हम अनिश्चितता के इस दौर में भी जीना सीख रहे हैं और इसे खुद पर हावी होने नहीं दे रहे हैं।"

देश के शीर्ष कारोबारियों में शामिल महिंद्रा का कहना था कि घर में रहने के दौरान यह एहसास हुआ कि हमने पर्यावरण को कितने दबाव में रखा हुआ है। मुंबई शहर को इतना सुंदर कभी नहीं देखा जितना यह लॉकडाउन की इस अवधि में दिख रहा है। आसमां साफ है, हवा शुद्ध है और सड़कों पर कचरा नहीं है। लेकिन असल सवाल यह है कि क्या यह सब सिखाने के लिए हमें किसी महामारी की जरूरत है।

सवाल यह है कि क्या हम यह संकट गुजर जाने के बाद भी चीजों को इतना ही साफ नहीं रख सकते हैं। और सबसे जरूरी सवाल यह है कि क्या हम व्यक्तिगत और पेशेवर जिंदगी के ढंग की नए सिरे से शुरुआत कर सकते हैं। 


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